ओडिशा विधानसभा में राष्ट्रपति ने जनप्रतिनिधियों को दिया बड़ा संदेश, कहा- जनता के भरोसे को पूरा करना आपका कर्तव्य
ओडिशा विधानसभा में राष्ट्रपति ने जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि जनता का भरोसा जीतना और उसे बनाए रखना उनका सबसे बड़ा कर्तव्य है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों को जनता की सेवा में समर्पित रहने का आह्वान किया और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए प्रेरित किया।

ओडिशा विधानसभा में राष्ट्रपति का संबोधन।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। आप जन गण के प्रतिनिधि, सेवक हैं। लोगों ने आपको आशा, विश्वास और भरोसे से चुना है। उनकी आशा, विश्वास और भरोसे को पूरा करना आपका कर्तव्य है, हम सबका कर्तव्य है।आप ऐसा काम करें जो सबके हित के लिए हो। वर्तमान का समय तकनीकी का समय है, जनप्रतिनिधि के तौर पर आपको लोग पहचानते जानतें हैं। ऐसे में आपका क्या कहते हैं, क्या करते हैं, लोग जानना चाहते हैं और लोग जानते भी हैं और वैसा ही व्यवहार वह भी करते हैं। ऐसे में आपका उच्चारण एवं आचरण दोनों मूल्यवान है। आप अपने उच्चारण एवं आचरण में संयम रखें। आप जो करेंगे, दुसरे उसका अनुसरण करते हैं।यह समाज तथा राज्य गठन में सहायक होगा।
उक्त बातें देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पहली बार ओडिशा विधानसभा को संबोधित करते हुए कही हैं, जिसमें सभी 147 विधायक, सांसद, पूर्व विधायक एवं कुछ वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।
राष्ट्रपति ने जय जगन्नाथ के साथ अपने अभिभाषण की शुरूआत करते हुए कहा कि हमने कई विधानसभा को संबोधित किया है, लेकिन आज ओडिशा विधानसभा का संबोधन विशेष है, क्योंकि मैं गांव से आई थी। इसी विधानसभा ने मुझे सब कुछ सिखाया है। राजनीतिक हिसाब से सबके साथ कैसा व्यवहार करना है, किस विषय को किस प्रकार से पेश करना है, उसका पूरा श्रेय इसी सदन का है।
उन्होंने कहा कि इसी सदन ने हमें फाउंडेशन दिया है। यह फाउंडेशन ना होता तो शायद आज मैं जहां भी हूं, वहां नहीं पहुंच पाती। इस सदन को संबोधन करने के लिए हमें निमंत्रण देने के लिए मैं विधानसभा अध्यक्ष सूरमा पाढ़ी मैं धन्यवाद देती हूं।
राष्ट्रपति ने कहा कि कभी इस सदन में बैठी थी, आज अतीत की वह स्मृति ताजा हो गई है। विधायक के रूप में मैने इस सदन में सवाल किया है और मंत्री के रूप में विधायकों के उत्तर भी दिए हैं। आज उनमें से कई बंधु उपस्थित हैं। आज इस सदन की गैलरी में कई पूर्व विधायक एवं पूर्व मंत्री हैं, केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के साथ भी हमने काम किया है। आज राज्य के नेता मोहन चरण माझी के साथ एक साथ काम किया है। यहां के आत्मीय परिवेश से मैं भाव प्रिय हो गई हूं। इसके लिए मैं सभी को बहुत धन्यवाद देती हूं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय सभ्यता को ओडिशा ने परिभाषित किया है। भुवनेश्वर में दयानदी आज भी प्रवाहित है जो सम्राट अशोक को चंडाशोक को धर्माशोक बनने का प्रमाण है। पाईक विद्रोह को भी राष्ट्रपति ने याद किया। ब्रिटिश शासन के खिलाफ आदिवासी भाइयो की लड़ाई को याद करते हुए कहा कि भारत छोड़ो आन्दोलन के समय में भारत के साथ ओडिशा के कई लोग शहीद हुए थे। देश के सबसे जूनियर शहीद बाजीराउत के बलिदान को कोई कैसे भूल सकता है।
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री स्व.बीजू पटनायक की स्मृति एवं साहस को भी याद किया और कहा कि वे सदैव हम सभी के मन में स्मृति बनकर रहेंगे। भारत निर्माण में ओडिशा का अवदान बहुत बड़ा है।
इसके साथ ही राष्ट्रपति ने ओडिशा में नारी सशक्तिकरण की प्राचीन परंपरा का भी वर्णन किया और कहा कि ओडिशा विधानसभा में महिला प्रतिनिधि का लंबा इतिहास रहा है। कोई ऐसी विधानसभा नहीं रही जिसमें महिला का प्रतिनिधित्व ना रहा हो। ओडिशा आज खेल, संस्कृति, व्यापार हर क्षेत्र में इतिहास रच रहा है।आनंद की बात है कि आज ओडिशा विधानसभा पेपरलेस डिजिटल विधानसभा बन गई है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपने कम समय में कई नए कार्य शुरू किए हैं। ओडिशा की महिला सुभद्रा योजना से स्वावलंबी हो रही हैं। अनेक महिला सुभद्रा योजना को सदुपयोग कर लखपति दीदी बन रही हैं। ओडिशा कृषि आधारित राज्य है, धान पर सबसिडी देना उत्तम पदक्षेप है।ओडिशा में रेलपथ, राजपथ तेजी से विकसित हो रहा है।ओडिशा में औद्योगीककरण प्रक्रिया नया रूप ले रहा है, इससे मैं बहुत खुश हूं।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रकृति ने ओडिशा को सब कुछ दिया है। खनिज, वन, जल सब कुछ ओडिशा में है।सुदीर्घ बेलाभूमि ओडिशा में है। श्रम, शिल्पी, तकनीक सबकुछ यहां मौजूद है। वाणिज्य विकास के लिए ओडिशा में परिवेश खूब अनुकूल है। 2047 में भारत जब विकसित देश बनेगा तब उसमें ओडिशा का महत्वपूर्ण योगदान होना चाहिए।
राष्ट्रपित ने कहा कि 2036 में ओडिशा गठन का 100 वर्ष पूरा होगा। यदि तब तक आप ओडिशा को विकसित राज्य बना पाते हैं, तो यह भारत की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि मैं पूरी दुनिया का भ्रमण कर रही हूं। अपने अनुभव से मैं आपको बता रही हूं कि आज दुनिया का नजरिया भारत के प्रति बदल गया है। विदेशी लोग अब भारत को प्रगति राष्ट्र के रूप में देख रहे हैं। विज्ञान एवं महाकाश में सफलता ने भारत को अग्रणी देश में स्थान दिया है। कई देश के लिए आज भारत हेल्थकेयर डेस्टीनेशन बन गया है। यह सब विकसित भारत से पूर्व के लक्षण हैं, सूचना है। राष्ट्र प्रथम मानकर आप काम करेंगे, करेंगे यह मुझे विश्वास है।
राष्ट्रपति ने कहा कि ओडिशा की सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना के साथ अपना भाषण संपन्न करती हूं।इसी के साथ विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने सदन की कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिए मुलतवी घोषित कर दिया।

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