ओडिशा विधानसभा को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया संबोधित, CM माझी ने कहा- 'आज का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा'
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ओडिशा विधानसभा को संबोधित किया, जिसे मुख्यमंत्री माझी ने ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि यह दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। राष्ट्रपति का यह दौरा ओडिशा के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है।

ओडिशा के गणतांत्रिक इतिहास में आज का दिन इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में हो गया है लिपिवद्ध: मुख्यमंत्री। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के ओडिशा विधानसभा को संबोधित करने से पहले सदन में राष्ट्रपति का भव्य तरीके से स्वागत किया गया और ओडिशा विधानसभा की अध्यक्ष, विरोधी दल नेता, मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल ने सदन को संबोधित किया और सभी ने इस पल को ओडिशा विधानसभा के लिए ऐतिहासिक बताया।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि ओडिशा के जनतांत्रिक इतिहास में आज का दिन स्वर्ण अक्षर में लिपिवद्ध हो गया है, क्योंकि आज 75 वर्ष के ओडिशा विधानसभा के इतिहास में पहली बार देश की पहली नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने विधानसभा को संबोधित करने के साथ हम सबको मार्गदर्शन करेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि आपका राजनीतिक करियर इसी विधानसभा से शुरू हुआ है। आपने अपनी कठिन मेहनत, त्याग एवं परिश्रम से देश के सर्वोच्च स्थान की शोभा बढ़ा रही हैं। हम लोगों के लिए सीखने की बात है कि इसके बाद भी आपने ना ही अपनी जन्म भूमि और ना ही अपनी कर्म भूमि को भूली हैं।
आपने यह संदेश दिया है कि आदमी चाहे कितना बड़ा हो जाए अपनी मातृभूमि एवं कर्म भूमि को नहीं भूलना चाहिए। यह बात कभी अपने विचार में भी नहीं आना चाहिए। मयूरभंज जिले के एक आदिवासी गांव उपरबेड़ा की एक सामान्य संथाली परिवार में जन्म ग्रहण कर तमाम परेशानियों का सामना करने के बाद भी आप ने जीवन में कभी हार नहीं माना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप झारखंड का राज्यपाल रहते समय सितम्बर 2016 में भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम में अपने जीवन संग्राम के बारे में कहा था। मुझे याद है कि आपने कहा था कि स्कूल में पढ़ते समय किस प्रकार से जंगल से रसोई के लिए काठ (लकड़ी) संग्रह कर रही थी।इस प्रतिकूल परिस्थित से निकलकर यहां तक पहुंचना संयोग नहीं है।
यह जनसेवा के लिए आपकी कठोर तपस्या और ईश्वर के आशीर्वाद का फल है।मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे जैसे एक सामान्य आदिवासी परिवार में पैदा हुआ एक सामान्य व्यक्ति को आपके मार्गदर्शन से ओडिशा की सेवा करने का अवसर मिला है। यह केवल आज के भारत में संभव है और यह मौका हमारे भारतीय संविधान ने दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक दिन पहले पूरे देश में संविधान दिवस मनाया गया और उसमें राष्ट्रपति ने जो भाषण दिया वह देश के 140 करोड़ लोगों के हृदय को स्पर्श कर गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडिशा जैसे राष्ट्रपति का प्रत्येक संदेश हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। आप इस विधानसभा में पहली महिला श्रेष्ठ विधायक के तौर पर आप सम्मानित हुई हैं।
आज आपकी राष्ट्रपति के तौर पर विधानसभा में उपस्थिति लोकमंदिर को गौरवान्वित की है। 2015 से 2021 तक आप झारखंड की राज्यपाल रहीं। विधायक, मंत्री, राज्यपाल एवं वर्तमान राष्ट्रपति के तौर पर आपने जो भूमिका निभाया है, वह सभी के लिए अनुकरणीय है।
प्रधानमंत्री के संदेश सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र के साथ हमारी सरकार काम कर रही है। कम समय के शासन में हमारी सरकार ने लोगों को स्वच्छ, निर्मल एवं दक्ष शासन प्रदान कर रही है। हमारी सरकार को आज आम लोगों ने लोगों की सरकार बताया है। आज आपका अभिभाषण साढ़े चार करोड़ ओडिया की भावना को प्रोत्साहित करेगा। 2036 तक समृद्ध ओडिशा गठन एवं 2047 में विकसित भारत के लिए आपका भाषण हमें मार्गदर्शन करेगा।
इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने इस पल को ऐतिहासिक बताते हुए राष्ट्रपति के जीवनी पर विस्तृत रूप से विवरण रखा।विधानसभा अध्यक्ष ने राष्ट्रपति को उत्तरीय एवं महाप्रभु जगन्नाथ जी की प्रतिमूर्ति देकर सम्मानित किया।
उन्होंने कि ओड़िया बेटी के देश के सर्वोच्च स्थान पर देखकर हम सब गर्वित हैं। इसके बाद विरोधी दल के नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सदन को संबोधित किया। नवीन पटनायक ने कहा कि हम सभी के लिए गर्व की बात है कि राष्ट्रपति ने अपना राजनीतिक करियर 25 वर्ष पहले इसी ओडिशा विधानसभा से शुरू किया था और आज वह राष्ट्रपति बनकर इस माटी के गौरव को बढ़ाया है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।