कंधमाल में फिर जननी की पीड़ा, सड़क न होने से गर्भवती को खटिया पर ले जाया गया
ओडिशा के कंधमाल जिले में सड़क न होने के कारण एक गर्भवती महिला को खाट पर अस्पताल ले जाया गया। एम्बुलेंस सड़क में नाला होने के कारण गांव तक नहीं पहुंच सकी। एम्बुलेंस चालक ने मानवता दिखाते हुए नाला पार किया और ग्रामीणों की मदद से महिला को अस्पताल पहुंचाया, जहाँ उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।

खटिया से ले जाते लोग। (जागरण)
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा के कंधमाल जिले से इंसानियत और व्यवस्था दोनों की सच्चाई दिखाने वाली एक तस्वीर सामने आई है।
सड़क न होने के कारण गर्भवती महिला को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए ग्रामीणों को खटिया का सहारा लेना पड़ा। घटना फिरिंगिया ब्लॉक के पांगा पंचायत अंतर्गत सुदूर सबेरी गांव की है।
सूत्रों के अनुसार, गांव की रहने वाली पुष्पलता बेहरा को गुरुवार सुबह अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई। स्थिति बिगड़ती देख आशा कार्यकर्ता ने तत्काल 108 एंबुलेंस सेवा से संपर्क किया। मगर गांव तक जाने वाली सड़क बीच में ही एक गहरी नाला के कारण कट गई है, जिससे एंबुलेंस वहां तक नहीं पहुंच सकी।
ऐसे में एंबुलेंस चालक जीतू माझी ने मानवीयता की मिसाल पेश की। उन्होंने एंबुलेंस को सड़क किनारे रोककर खुद नाला पार किया और गांव पहुंचे। वहां ग्रामीणों की मदद से पुष्पलता को खटिया पर बिठाकर करीब एक किलोमीटर का ऊबड़-खाबड़ और जंगल रास्ता पार कर एंबुलेंस तक लाया गया।
उन्हें तुरंत फिरिंगिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां पुष्पलता ने एक स्वस्थ पुत्र को जन्म दिया। डॉक्टरों के मुताबिक, मां और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।
ग्रामीणों और स्थानीय लोगों ने एंबुलेंस चालक के इस मानवीय प्रयास की खूब प्रशंसा की है। हालांकि, इस घटना ने एक बार फिर प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है। आज भी फिरिंगिया ब्लॉक के कई सुदूर गांव ऐसे हैं जहां तक न सड़क है, न एंबुलेंस पहुंच पाती है। नतीजतन, हर बार मरीजों और गर्भवती महिलाओं को जान जोखिम में डालकर अस्पताल पहुंचना पड़ता है।
स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द इन इलाकों तक सड़क और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

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