घर में मिनी बैंक? 64 पासबुक; 43 ATM और लाखों रुपये... पुलिसवाले को ही जाना पड़ा जेल
ओडिशा के पश्चिमी इलाके में स्थित संबलपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक घर में मिनी बैंक चल रहा था। पुलिस ने प्रेसवार्ता करके इस संबंध में जानकारी दी है। इस मामले में पुलिस ने एक पुलिसकर्मी को ही जेल भेजा है। वहीं घर से पासबुक और एटीएम कार्ड के अलावा भी कई चीजें बरामद हुई हैं। इस मामले में और नाम सामने आ सकते हैं।

संवाद सहयोगी, संबलपुर। पश्चिम ओडिशा के बऊद जिला के बऊद थाना में कार्यरत कांस्टेबल हृदयानंद बेहेरा अपने घर में एक मिनी बैंक चलता था। इसका खुलासा उसके घर पर पुलिस छापेमारी के बाद हुआ। उसके घर से पुलिस ने रुपये लेनदेन से संबंधित कई दस्तावेज जब्त किए हैं।
पुलिस की ओर से आयोजित प्रेसवार्ता में बताया गया है कि 15 जून को बऊद थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि कांस्टेबल हृदयानंद बेहेरा ने एक होमगार्ड प्रदीप कुमार त्रिपाठी को बैंक से लोन दिलाने के नाम पर आर्थिक शोषण कर रहा है।
मामले का ऐसे हुआ पर्दाफाश
इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और मामले का पर्दाफाश किया। आरोप है कि कांस्टेबल हृदयानंद ने बऊद जिला के गंभारीपाड़ा गांव घर होमगार्ड प्रदीप कुमार त्रिपाठी से लोन दिलाने के नाम पर पिछले आठ वर्षों से प्रति महीने 10 हजार रुपये वसूल रहा था।
इसके साथ ही हृदयानंद ने होमगार्ड प्रदीप का एटीएम, पासबुक और चेकबुक भी अपने पास रख लिया था। जब प्रदीप ने एटीएम मांगा तब कांस्टेबल ने उसे धमकाया और भुवनेश्वर से लोन दिलाने का झांसा देता रहा।
शिकायत के बाद कांस्टेबल हृदयानंद द्वारा 10 लाख रुपये की ठगी करने और लोन नहीं दिलाने पर होमगार्ड प्रदीप ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करा दी। शिकायत के बाद बऊद पुलिस रविवार को बऊद शहर के पोड़ापाड़ा में रहने वाले कांस्टेबल हृदयानंद के घर छापेमारी की।
घर की तलाशी में मिलीं ये चीजें
जिला पुलिस अधीक्षक राहुल गोयल ने एसडीपीओ लॉरेन राउतराय की मौजूदगी में खुद घटना की जांच की। कांस्टेबल हृदयानंद के घर की तलाशी के दौरान पुलिस ने 60 पासबुक, 43 एटीएम कार्ड, 29 चेक बुक, विभिन्न लोगों के हस्ताक्षर वाले 209 खाली चेक, 11 बिक्री विलेख, नकद 5 लाख 2 हजार 490 रुपये और 145 ग्राम सोने के आभूषण जब्त किए।
पुलिस को पता चला है कि आरोपित कांस्टेबल हृदयानंद अपने घर में एक मिनी बैंक चला रहा था और साथी कर्मचारियों समेत कई लोगों को मनी लॉन्ड्रिंग और कर्ज देने के नाम पर वित्तीय शोषण में शामिल था।
जांच में ली जाएगी विजिलेंस की मदद
पुलिस अधीक्षक गोयल ने बताया कि चूंकि यह मामला वित्तीय लेनदेन से जुड़ा है और एक सरकारी कर्मचारी के घर से पैसे निकले थे, इसलिए आगे की जांच के लिए विजिलेंस की मदद ली जाएगी।
संदेह है कि इस धोखाधड़ी मामले में कुछ बैंक अधिकारी भी शामिल हैं। पुलिस की ओर से बताया गया है कि जांच के बाद मामले का पता चलेगा। आरोपित कांस्टेबल हृदयानंद को कार्य से निलंबित करने के बाद गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।