स्वतंत्रता सेनानी की बहू को अंतिम विदाई देने उमड़ा लोगों का हुजूम, पुरी स्वर्ग द्वार में हुआ अंतिम संस्कार
भुवनेश्वर में स्वतंत्रता सेनानी स्व.प्रहलाद राय लाठ की बहू तथा उत्कल पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के महासचिव सह भुवनेश्वर मारवाड़ी समाज के अध्यक्ष संजय लाठ की मां भुवनेश्वर मारवाड़ी महिला समिति की संस्थापक सदस्य उमादेवी लाठ का 74 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। स्व. लाठ ने जब इस दुनिया को अलविदा किया तो उस समय उनके बेटे संजय लाठ सहित उनका पूरा परिवार उनके साथ था।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में स्वतंत्रता सेनानी स्व.प्रहलाद राय लाठ की बहू तथा उत्कल पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के महासचिव सह भुवनेश्वर मारवाड़ी समाज के अध्यक्ष संजय लाठ की मां, भुवनेश्वर मारवाड़ी महिला समिति की संस्थापक सदस्य उमा देवी लाठ का 74 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है।
स्व. लाठ ने जब इस दुनिया को अलविदा किया तो उस समय उनके बेटे संजय लाठ, उनकी तीनों बेटियां सुनीता, संगीता, सुमन के साथ पूरा परिवार उनके साथ था। विधि के मुताबिक पुरी स्वर्ग द्वार में स्व.लाठ का अंतिम संस्कार किया गया। बेटे संजय लाठ ने उन्हें मुखाग्नि दी।
अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा हुजूम
जानकारी के मुताबिक स्वतंत्रता सेनानी स्व. लाठ की बहू एवं वरिष्ठ समाजसेवी संजय लाठ की मां के निधन की खबर लगते ही उनके अंतिम दर्शन करने के लिए लोगों का मानों हुजूम उमड़ पड़ा।
संजय लाठ के फारेस्ट पार्क स्थित आवास पर मारवाड़ी समाज, जैन समाज, युवा मंच, परशुमराम मित्र मंडल एवं समाज के विभिन्न घटक के साथ विभिन्न समाज एवं संगठन से जुड़े हजारों की संख्या में लोगों ने पहुंच कर अंतिम दर्शन कर आशीर्वाद लिए। स्व. लाठ के पार्थिव शरीर के पीछे-पीछे लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।
उनके पार्थिव शरीर को एजी चौक होते हुए मार्केट बिल्डिंग स्थित उनके पेट्रोल पंप पर लाया गया, जहां पर पेट्रोल पंप के तमाम कर्मचारियों ने स्व.लाठ का अंतिम दर्शन करने के साथ ही भावभिनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
कौन हैं उमा देवी?
गौरतलब है कि स्व. उमा देवी लाठ का जन्म 6 जून,1949 को हुआ था। पति स्वर्गीय ओमप्रकाश लाठ का निधन पूर्व में शिवरात्रि के दिन ही हुआ था। स्वर्गीया उमा देवी लाठ भुवनेश्वर मारवाडी महिला समिति की संस्थापक सदस्या थीं।
एक क्रांतिकारी परिवार की बहू होने के नाते राष्ट्रभक्ति एवं समाजसेवा उनके खून में थी। आज उनके निधन की खबर मिलते ही उनका अंतिम दर्शन करने के लिए छोटे से लेकर बड़े तक हर वर्ग के लोग उनके आवास पर पहुंचे और नम आंखों से उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
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