कौन होगा ओडिशा का अगला मुख्य शासन सचिव? राज्य प्रशासन की कमान को लेकर मंथन तेज
ओडिशा के अगले मुख्य शासन सचिव को लेकर मंथन तेज हो गया है। राज्य प्रशासन की कमान संभालने के लिए कई नामों पर विचार किया जा रहा है। नए मुख्य सचिव की नियु ...और पढ़ें

ओडिशा के मुख्य सचिव मनोज आहूजा
जागरण संवाददाता, अनुगुल। राज्य प्रशासन के सबसे शीर्ष पद मुख्य शासन सचिव को लेकर एक बार फिर चर्चाओं का बाजार गर्म है। फिलहाल इस पद पर आईएएस अधिकारी मनोज आहूजा आसीन हैं, लेकिन उनके कार्यकाल और भविष्य की प्रशासनिक जरूरतों को देखते हुए यह सवाल लगातार उठ रहा है कि आने वाले समय में राज्य की नौकरशाही की कमान किसके हाथों में होगी।
विश्वसनीय सरकारी व प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, 1990 बैच के आईएएस अधिकारी मनोज आहूजा को 29 जून 2024 को ओडिशा का 46वां मुख्य शासन सचिव नियुक्त किया गया था और उन्होंने 30 जून 2024 को पदभार ग्रहण किया।
बाद में राज्य सरकार ने प्रशासनिक निरंतरता और प्रमुख योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को ध्यान में रखते हुए उनका कार्यकाल 1 जनवरी 2025 से एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया। वर्तमान में वे ही राज्य प्रशासन के सर्वोच्च अधिकारी हैं।
मनोज आहूजा इससे पहले केंद्र सरकार में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव जैसे अहम पद पर कार्य कर चुके हैं। केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर उनके लंबे प्रशासनिक अनुभव को देखते हुए सरकार ने उन पर भरोसा जताया है। हालांकि इसके साथ ही यह भी साफ है कि भविष्य में इस पद के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के नामों पर मंथन चलता रहेगा।
ये हैं संभावित दावेदार
प्रशासनिक गलियारों में यदि भविष्य की बात की जाए, तो कुछ वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के नाम संभावित अगले मुख्य शासन सचिव के रूप में चर्चा में हैं। सबसे प्रमुख नाम आईएएस अनु गर्ग (1991 बैच) का है। वे वर्तमान में विकास आयुक्त एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत हैं। योजना, वित्तीय समन्वय और विकास कार्यक्रमों में उनकी मजबूत पकड़ के कारण उन्हें इस पद की सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
इसके अलावा आईएएस साश्वत मिश्रा (1996 बैच) का नाम भी लिया जा रहा है, जो मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रधान सचिव के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और वित्त व औद्योगिक विकास से जुड़ी जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों में आईएएस सत्यब्रत साहू, जो गृह, वन एवं पर्यावरण जैसे संवेदनशील विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव रह चुके हैं, तथा आईएएस डी के सिंह, जो राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग का नेतृत्व कर चुके हैं, उनके नाम भी प्रशासनिक अनुभव के आधार पर चर्चा में हैं।
युवा लेकिन अनुभवी अधिकारियों में आईएएस डा. कृष्ण कुमार (2002 बैच) का नाम भी सामने आता है, जिन्होंने कार्य विभाग और प्रमुख विकास प्राधिकरणों में प्रभावी भूमिका निभाई है।
सरकार की प्राथमिकता अनुभव और समन्वय
प्रशासनिक विशेषज्ञों का कहना है कि मुख्य शासन सचिव के चयन में वरिष्ठता, फील्ड अनुभव, विभागीय समन्वय और केंद्र सरकार से बेहतर तालमेल को प्राथमिकता दी जाती है।
राज्य सरकार की आगामी प्राथमिकताओं में बुनियादी ढांचा, औद्योगिक निवेश, सामाजिक कल्याण योजनाएं और सुशासन शामिल हैं, ऐसे में इस पद की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
फिलहाल स्थिति साफ है कि 31 दिसंबर2025 तक मनोज आहूजा ही मुख्य शासन सचिव हैं और उनके कार्यकाल को आधिकारिक तौर पर विस्तार मिल चुका है। भविष्य में बदलाव होगा या नहीं, इसका फैसला सामान्य प्रशासन विभाग और मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद ही होगा। तब तक राज्य प्रशासन की कमान को लेकर अटकलें और चर्चाएं जारी रहेंगी।

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