Odisha Weather Update: ओडिशा में बारिश बरपाएगी कहर, 24 से 26 अक्टूबर तक जमकर बरसेंगे बदरा
भारतीय मौसम विभाग ने ओडिशा में 24 से 26 अक्टूबर तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है, जिससे राज्य के दक्षिणी और तटीय जिलों में अधिक प्रभाव पड़ेगा। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है और प्रशासन स्थिति पर नजर रख रहा है। अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रहने की संभावना है।

ओडिशा में बारिश बरपाएगी कहर
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) के भुवनेश्वर क्षेत्रीय केंद्र ने सोमवार को अलर्ट जारी करते हुए 24 से 26 अक्टूबर तक ओडिशा में भारी बारिश की संभावना जताई है।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले 12 घंटों के भीतर बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है, जो अगले 24 घंटों में एक मजबूत (वेल मार्क्ड) प्रणाली में परिवर्तित हो सकता है।
समुद्र के ऊपर बदलते मौसमीय हालात के कारण राज्य के कई हिस्सों में कल से ही बारिश शुरू हो सकती है। कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, जबकि दक्षिणी और तटीय जिलों में अधिक प्रभाव देखा जा सकता है।
आइएमडी ने इस अवधि के दौरान 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की चेतावनी भी दी है। हालांकि, फिलहाल ओडिशा के लिए किसी चक्रवात की चेतावनी जारी नहीं की गई है।
स्थानीय प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है और खासकर संवेदनशील इलाकों के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। मछुआरों और तटीय क्षेत्रों के निवासियों को इस दौरान समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है।
आइएमडी क्षेत्रीय केंद्र की निदेशक मनोहरमा मोहंती ने बताया कि दक्षिण अंडमान सागर और इसके आसपास के दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर ऊपरी वायु चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है, जो समुद्र तल से लगभग 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैला है।
इसके प्रभाव से अगले 24 घंटों में दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है। यह प्रणाली पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए अगले 48 घंटों में दक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य और उससे सटे पश्चिम-मध्य भागों के ऊपर एक डिप्रेशन में बदल सकती है।
उन्होंने आगे बताया कि इस प्रणाली के प्रभाव से राज्य में अगले 5 से 7 दिनों तक बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी। साथ ही, हवा की दिशा में बदलाव के कारण वातावरण में नमी बनी रहेगी, जिससे बारिश की संभावना और बढ़ जाएगी।
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