ग्रामीणों ने पेश की मानवता की अनूठी मिसाल, बिहार की युवती की ओडिशा में मौत, गांव वालों ने किया अंतिम संस्कार
ओडिशा के कंधमाल जिले के दरिंगबाड़ी में ग्रामीणों ने मानवता की अनूठी मिसाल पेश की। बिहार की एक युवती रुखसाना करादी जो जड़ी-बूटी बेचने आई थी की पीलिया से मृत्यु हो गई। उसके परिवार की असहायता को देखते हुए ग्रामीणों ने न केवल शव का अंतिम संस्कार किया बल्कि चंदा इकट्ठा करके उन्हें घर वापस भेजने में भी मदद की।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। आज के स्वार्थी युग में, जहाँ रिश्ते भी अपनी संवेदनशीलता खोते जा रहे हैं, वहीं ओडिशा के कंधमाल ज़िले के दरिंगबाड़ी के ग्रामीणों ने मानवता की मिसाल पेश की। यहाँ ग्रामीणों ने बिहार की एक युवती का अंतिम संस्कार कर यह साबित कर दिया कि समाज में मानवता अभी भी ज़िंदा है।
जानकारी के अनुसार, बिहार के समस्तीपुर ज़िले से कुछ जड़ी-बूटी विक्रेता दरिंगबाड़ी इलाके में पहुँचे थे। इस दौरान उनके साथ आई युवती रुखसाना करादी को पीलिया हो गया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अचानक हुई इस घटना से परिवार पूरी तरह टूट गया और शव को लेकर असमंजस में पड़ गया।
इस मुश्किल घड़ी में स्थानीय ग्रामीण उनके साथ खड़े रहे। ग्रामीणों ने बाँस की अर्थी बनाई, शव को कंधों पर उठाकर श्मशान घाट तक पहुँचाया और पूरे रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया। इतना ही नहीं, ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा करके शोकाकुल परिवार की आर्थिक मदद भी की ताकि उन्हें बिहार वापस भेजा जा सके।
एक जड़ी-बूटी विक्रेता भावुक हो गया और बोला कि हम यहाँ दवाइयाँ बेचने आए थे। इसी दौरान वह बीमार पड़ गई। हमने दरिंगबाड़ी में उसका इलाज करवाया, लेकिन उसकी हालत बिगड़ती गई और रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। हम पूरी तरह से असहाय हो गए थे, तभी यहाँ के लोग हमारी मदद के लिए आगे आए और न केवल उसका अंतिम संस्कार किया, बल्कि घर लौटने के लिए पैसे भी दिए।
दरिंगबाड़ी के एक स्थानीय निवासी ने बताया कि "लगभग 80-90 लोग अंतिम संस्कार में शामिल हुए और हर संभव मदद की। अब उनकी सुरक्षित घर वापसी की व्यवस्था की जा रही है।"
ओडिशा के इन ग्रामीणों की यह पहल इस बात का प्रमाण है कि आज भी समाज में करुणा, सहयोग और मानवता जीवित है।
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