Odisha News: जब सरकार नहीं सुनी, तो जनता खुद बन गई सरकार; ग्रामीणों ने खुद खोल दिया ऋषिकुल्या मुहाना
ओडिशा में सरकार की अनदेखी से परेशान होकर ग्रामीणों ने खुद ऋषिकुल्या मुहाना खोल दिया। मुहाना बंद होने से मछली पकड़ने में दिक्कतें आ रही थीं, जिससे उनकी आजीविका प्रभावित हो रही थी। सरकार से गुहार लगाने के बाद भी जब कोई सुनवाई नहीं हुई, तो ग्रामीणों ने एकजुट होकर श्रमदान करके मुहाना खोलने का फैसला किया।

ऋषिकुल्या नदी का मुहाना खोलते लोग। (जागरण)
शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। जब सरकार नहीं सुनी, तो जनता खुद सरकार बन गई। यह बात फिल्मी डायलॉग जैसे जरूर लग रहे हैं परंतु हकीकत है। वर्षों तक सरकार और प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी जब कोई सुनवाई नहीं हुई, तो गंजाम ब्लॉक के सात गांवों के ग्रामीण और मछुआरों ने आखिरकार खुद ही ऋषिकुल्या नदी का मुहाना खोल डाला।
जानकारी के मुताबिक पालीबन्ध, पुरुणाबन्ध, गोक्खरकुदा, बिछनापल्ली, बड़नोलियागांव, साननोलियागांव और पोड़ममेट्टा गांवों के सैकड़ों ग्रामीण गुरुवार को एकजुट होकर मुहाना खोलने के अभियान में जुट गए।
पुरुणाबन्ध गंगामंदिर के पास शुरू हुए इस कार्य में लोगों ने जेसीबी मशीन से करीब 200 मीटर लंबा, 20 फीट चौड़ा और 10 फीट गहरा रास्ता खोद डाला। देर रात तक यह कार्य जारी रहा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर नदी और समुद्र के संगम स्थल यानी मुहाना सामान्य रूप से खुला रहेगा, तो नदी का जलप्रवाह सुचारु रहेगा और बाढ़ की आशंका काफी हद तक कम हो जाएगी। इसके साथ ही मछुआरों की जीविका भी सुरक्षित रहेगी, क्योंकि खुले मुहाने से मछलियों की आवाजाही और उत्पादन दोनों बढ़ेंगे।
गांव वालों ने बताया कि पिछले कई वर्षों से इस समस्या को लेकर जिला प्रशासन और सरकार से बार-बार गुहार लगाई गई, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। आखिरकार अपनी सुरक्षा और आजीविका के लिए लोगों ने “अपना मुहाना खुद खोलो” अभियान की शुरुआत कर दी।
जानकारी के अनुसार, इस पहल से जिले के पांच ब्लॉकों—छत्रपुर, गंजाम, हिंजिलीकाट, आसिका और पुरुषोत्तमपुर—में संभावित बाढ़ संकट काफी हद तक टल गया है। चक्रवात के असर से हुई लगातार बारिश के चलते ऋषिकुल्या नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर था। ऐसे में ग्रामीणों ने अपनी जान-माल की सुरक्षा के लिए यह ऐतिहासिक कदम उठाया है।
ग्रामीणों की इस एकजुटता की चर्चा अब पूरे जिले में हो रही है। लोग कह रहे हैं कि जब सरकार नहीं आई, तो जनता खुद सरकार बन गई।

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