बदले की आग में जल उठा ओडिशा का ये इलाका: आदिवासियों ने फूंका पूरा गांव, 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद
ओडिशा के मालकानगिरी जिले के एमवी-26 गांव में बदले की आग में आदिवासियों ने 50 से अधिक घरों को जला दिया। यह घटना एक आदिवासी महिला के सिर कटे शव मिलने के ...और पढ़ें
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गांव में आगजनी। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। मालकानगिरी जिला लगातार दूसरे दिन उथल-पुथल में रहा, क्योंकि हजारों की भीड़ ने एमवी-26 में तांडव मचाते हुए घरों को आग के हवाले कर दिया और ग्रामीणों को गांव छोड़कर भागने पर मजबूर कर दिया।
हालात सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाए जाने के बावजूद नियंत्रण से बाहर होने लगे, जिसके बाद जिला प्रशासन ने एमवी-26 क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया। इसके साथ ही सोमवार शाम 6 बजे से पूरे जिले में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं।
क्यों भड़की हिंसा?
हिंसा की शुरुआत कोया जनजाति की महिला लेक पोदामी की कथित हत्या से हुई, जिनका सिरविहीन शव पिछले गुरुवार को पोटेरू नदी में मिला था।
जनजातीय ग्रामीणों ने बंगाली निवासियों पर इस हत्या में शामिल होने का आरोप लगाते हुए रविवार को एमवी-26 बस्ती पर संगठित हमला कर दिया, जबकि पुलिस ने इस मामले में शुभरंजन मंडल नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
दर्जनों घरों में लगा दी गई आग
धनुष–बाण, कुल्हाड़ी और भालों से लैस भीड़ ने गांव में भारी उत्पात मचाया। बताया जाता है कि दर्जनों घरों में आग लगा दी गई और व्यापक नुकसान हुआ, जबकि अधिकारी नुकसान का ब्योरा देने से बच रहे हैं।
अधिकारियों के अनुसार, सोमवार दोपहर सैकड़ों लोग ‘प्रो-आदिवासी’ नारे लगाते हुए एमवी-26 में घुसे और कई घरों तथा संपत्तियों को निशाना बनाया। हमले पुलिस की मौजूदगी में भी जारी रहे। डरे-सहमे परिवार गांव छोड़कर भाग गए।
एसपी ने संभाला मोर्चा
मालकानगिरी एसपी विनोद पाटिल पूरे दिन हालात की निगरानी करते रहे और सुरक्षा तैनाती का संचालन किया। डीजीपी वाईबी खुरानिया और पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शाम को मौके पर पहुंचे ताकि स्थिति का जायजा लेकर नियंत्रण के प्रयासों को तेज किया जा सके।
'हमले की साजिश रची गई'
जनजातीय नेता बंधु मुदुली ने आरोप लगाया कि बस्ती में रहने वाले कुछ बाहरी लोग आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कई बंगाली निवासी बिना वैध दस्तावेजों के रह रहे हैं और मांग की कि केवल ग्रीन कार्ड रखने वाले ही गांव में रहें।
उन्होंने आगे दावा किया कि पोदामी की हत्या जमीन विवाद के कारण हुई। उन्होंने प्रशासन से मृतका के कब्जे वाली भूमि को उसके नाम पर दर्ज करने की मांग की।
धरने पर बैठे बंगाली समुदाय के लोग
दूसरी ओर, बंगाली समुदाय के लोग जिले के कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। उन्होंने अपने घरों और संपत्तियों के नष्ट किए जाने के खिलाफ विरोध जताते हुए हमलावरों पर कार्रवाई की मांग की। मालकानगिरी बंगाली समाज ने कलेक्टर सोमेश कुमार उपाध्याय को एक ज्ञापन सौंपकर “प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा रचित योजनाबद्ध हमले” की उच्चस्तरीय जांच की मांग की।
समाज के अध्यक्ष गोरांग कर्मकार ने कहा कि समुदाय ने प्रशासन को कई बार क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बारे में सतर्क किया था। उन्होंने बताया, “कमवाड़ा पंचायत में भी ऐसी ही घटना हुई थी, लेकिन हमने काफी प्रयास कर स्थिति संभाली थी। इस बार हिंसा हद पार कर गई है।”
मुआवजे की मांग
समाज ने प्रशासन से मांग की कि हिंसा भड़काने या उसमें शामिल सभी लोगों को 72 घंटों के भीतर गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, प्रभावित परिवारों के लिए उचित मुआवजे की भी मांग की गई।
उन्होंने महिला की हत्या की भी उच्चस्तरीय जांच की मांग की। “हम प्रशासन से आग्रह करते हैं कि इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए मालकानगिरी में शांति और सद्भाव बहाल किया जाए,” ज्ञापन में कहा गया।
इंटरनेट सेवा पर अस्थाई रोक
मालकानगिरि कलेक्टर उपाध्याय ने बताया कि शांति बनाए रखने और अफवाहों को रोकने के लिए बीएनएस की धारा 163 के तहत कर्फ्यू लगाया गया है, और इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित किया गया है। उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य करने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। प्रभावित परिवारों के लिए सामुदायिक रसोई और अस्थायी आश्रय की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि क्षतिग्रस्त घरों का आकलन किया जा रहा है और रिपोर्ट आने के बाद एसाथसी दिशानिर्देशों के अनुसार राहत प्रदान की जाएगी।
इस बीच, ओडीआरेएफ और फायर सर्विस की टीमों को महिला के गायब सिर की तलाश के लिए तैनात किया गया है। पोटेरू नदी के किनारे कैमरे लगाए गए हैं ताकि खोज अभियान में सहायता मिल सके।

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