Odisha Train Tragedy: रेलवे का दावा, ट्रेन के डिब्बों में शवों से नहीं; सड़े अंडों से आ रही थी दुर्गंध
ओडिशा में दो जून को हुए तिहरे ट्रेन हादसे में शामिल यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के डिब्बे में अभी भी कुछ शव बचे होने की आशंका के बीच एक अधिकारी ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि यह सड़े हुए अंडे थे न कि मानव अवशेष।

संतोष कुमार पांडेय , अनुगुल/भुवनेश्वर। ओडिशा में दो जून को हुए तिहरे ट्रेन हादसे में शामिल यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के डिब्बे में अभी भी कुछ शव बचे होने की आशंका के बीच एक अधिकारी ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि यह सड़े हुए अंडे थे न कि मानव अवशेष।
बहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास रहने वाले स्थानीय लोगों ने शिकायत की है कि वहां छोड़े गए कोच से दुर्गंध आ रही थी और कुछ शव अभी भी वहां होने की बात कही थी।
इसलिए आ रही थी कोच से दुर्गंध
शिकायत के बाद रेलवे ने राज्य सरकार की मदद से किनारे पड़े हुए दुर्घटनाग्रस्त कोच की तलाशी ली, जिसके बाद यह पाया गया कि वहां सड़े हुए अंडों से तेज दुर्गंध आ रही थी ना कि मानव शरीर से।
एक अधिकारी ने कहा कि हमें दो बार एनडीआरएफ से साइट क्लीयरेंस मिली थी। उन्होंने कहा कि यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस में पार्सल वैन में करीब तीन टन अंडे ले जाए जा रहे थे।
3 ट्रैक्टरों से निकाले अंडे
दुर्घटना के बाद सारे अंडे सड़ रहे थे और दुर्गंध आ रही थी। शिकायत मिलने के बाद हमने फिर से कोच और आसपास के इलाके की तलाशी ली और दुर्घटनास्थल से तीन ट्रैक्टरों में अंडे निकाले हैं।
22.66 करोड़ का मिला मुआवजा
इस बीच, ईस्ट कोस्ट रेलवे के सीपीआरओ आदित्य कुमार चौधरी ने कहा कि रेल मंत्रालय ने ट्रेन हादसे के सिलसिले में अब तक 661 पीड़ितों के परिवारों को 22.66 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है।
हादसे में मृतक व गंभीर रूप से घायल लोगों के परिजनों को मुआवजा मिला है। चौधरी ने कहा कि हादसे में अपनों को खोने वाले परिवारों को रेलवे 10-10 लाख रुपये देता है। हादसे में करीब 1200 लोगों को चोटें आई हैं।
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