भुवनेश्वर में 5,500 एकड़ जमीन पर बनेगा आईटी पार्क और टावर, नए टाउनशिप की भी तैयारी
ओडिशा सरकार ने भुवनेश्वर और आसपास 5500 एकड़ जमीन पर आईटी टावर आईटी पार्क और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स बनाने का फैसला किया है। यह परियोजनाएं पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप पर आधारित होंगी। मुंडली कुआपुट हिल्स अरांगा और अरगुल जैसे क्षेत्रों में जमीन चिन्हित की गई है। न्यू भुवनेश्वर सिटी परियोजना के तहत 800 एकड़ में एक नया टाउनशिप भी विकसित किया जाएगा जिससे निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने राजधानी और आसपास के इलाकों में लगभग 5,500 एकड़ जमीन चिन्हित की है। इस जमीन पर बहुमंजिला आईटी टावर, आईटी पार्क और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स विकसित की जाएंगी। ये सभी परियोजनाएं पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर तैयार होंगी।
सूत्रों के अनुसार, लंबे समय से भूमि उपलब्धता में आ रही दिक्कतों के कारण निवेश की रफ्तार धीमी पड़ गई थी। हालांकि, कई आईटी और सेमीकंडक्टर कंपनियों ने राज्य में निवेश की इच्छा जताई थी। अब सरकार ने बड़े पैमाने पर जमीन चिन्हित कर इन बाधाओं को दूर करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
किन क्षेत्रों में मिली जमीन
सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, मुंडली में 980 एकड़, कुआपुट हिल्स और हल्दीपड़ा में 1,694 एकड़, अरांगा में 1,504 एकड़, अरगुल में 874.5 एकड़ और जिम यूनिवर्सिटी स्क्वायर के पास 441.5 एकड़ जमीन को विकास कार्यों के लिए चुना गया है। वहीं, भुवनेश्वर नगर निगम (BMC) सीमा के भीतर छोटे भूखंडों पर आईटी टावर बनाए जाएंगे, जो स्टार्टअप और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देंगे।
तैयार-टू-मूव इंफ्रास्ट्रक्चर
मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने आईडीसीओ को निर्देश दिया है कि इंफोवैली, इंफोसिटी और अन्य आईटी टावर परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। एनबीसीसी, ओबीसीसी, ओएमसी और चंदका टावर जैसे प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि निवेशकों को तुरंत उपयोग योग्य ढांचा मिल सके।
न्यू भुवनेश्वर सिटी की भी तैयारी
इसी बीच सरकार ने "न्यू भुवनेश्वर सिटी" परियोजना की भी घोषणा की है। आवास एवं शहरी विकास विभाग के अनुसार, 800 एकड़ में फैले इस नए टाउनशिप की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) सिंगापुर सरकार तैयार कर रही है।
यह टाउनशिप मल्लिपड़ा, दासपुर, अंधारुआ और गोठपटना क्षेत्र में विकसित होगी। गुजरात की धोलेरा गिफ्ट सिटी की तर्ज पर यहां आईटी पार्क, आवासीय कॉलोनियां, वाणिज्यिक केंद्र, अस्पताल और पर्यावरण-अनुकूल ढांचा बनाया जाएगा। मास्टर प्लान दो माह में आने की उम्मीद है।
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