Odisha News: बदलने वाले हैं ओडिशा के प्राचीन स्मारकों के दिन, नई नीति से संवारने का जल्द होगा शुरू
ओडिशा सरकार राज्य की प्राचीन धरोहरों और मंदिरों को संरक्षित करने के लिए तत्पर है। उपमुख्यमंत्री प्रभाति परिड़ा की अध्यक्षता में हुई बैठक में नई हेरिटेज पॉलिसी लाने मंदिरों का जियो-टैगिंग करने और धरोहर स्थलों का सौंदर्यीकरण करने का निर्णय लिया गया है। पहले चरण में 75 महत्वपूर्ण धरोहर स्थलों का विकास होगा। जगन्नाथ संस्कृति और बौद्ध धरोहरों को प्राथमिकता दी जाएगी।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने राज्य की प्राचीन धरोहरों और मंदिरों को संरक्षित कर पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान दिलाने की तैयारी तेज कर दी है।इस संदर्भ में लोक सेवा भवन में उपमुख्यमंत्री प्रभाति परिड़ा की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में नई हेरिटेज पॉलिसी लाने और सभी प्राचीन मंदिरों का जियो-टैगिंग करने तथा धरोहर स्थलों के सौंदर्यीकरण की दिशा में ठोस कदम उठाने पर निर्णय लिया गया है।
75 धरोहर स्थलों से होगी शुरुआत
बैठक में निर्णय लिया गया कि पहले चरण में 75 महत्वपूर्ण धरोहर स्थलों का सर्वांगीण विकास किया जाएगा। इसके लिए पर्यटन, संस्कृति और लोक निर्माण विभाग संयुक्त रूप से काम करेंगे।
3000 से अधिक स्मारकों के लिए टास्क फोर्स
राज्य में करीब 3 हजार से ज्यादा धरोहर स्मारक हैं। इनमें से कई उपेक्षित पड़े हैं। इन्हें संरक्षण देने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स बनाई जाएगी।
जगन्नाथ संस्कृति और बौद्ध विरासत को प्राथमिकता
बैठक में यह भी तय हुआ कि जगन्नाथ संस्कृति और बौद्ध धरोहरों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। सभी प्राचीन मंदिरों का जियो-टैगिंग होगा, ताकि उनकी पहचान और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
शक्तिपीठों को जोड़कर बनेगा कॉरिडोर
कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि तारा-तारिणी से लेकर बिरजा पीठ तक सभी शक्तिपीठों को जोड़ते हुए एक हेरिटेज कॉरिडोर बनाया जाएगा। बेहतर सड़क और आधारभूत सुविधाओं से पर्यटकों को बड़ी सुविधा मिलेगी।
प्रधानमंत्री के 75वें जन्मदिन पर खास योजना
भाषा एवं संस्कृति मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने कहा कि प्रधानमंत्री के 75वें जन्मदिन के मौके पर पहले चरण में 75 धरोहर स्थलों के संरक्षण का काम शुरू होगा।
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