Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Odisha News: पैर न छूने पर शिक्षिका ने बच्चों को पीटा, छात्र का हाथ टूटा-छात्रा बेहोश; शिक्षिका निलंबित

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 07:25 PM (IST)

    ओडिशा के मयूरभंज जिले में एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका को छात्रों की पिटाई के आरोप में निलंबित कर दिया गया। शिक्षिका ने 31 बच्चों को बांस से पीटा जिससे एक छात्र का हाथ टूट गया और एक छात्रा बेहोश हो गई। ओडिशा में शारीरिक दंड 2004 से प्रतिबंधित है। जाँच के बाद शिक्षिका को दोषी पाया गया और निलंबित कर दिया गया।

    Hero Image
    पैर न छूने पर शिक्षिका ने बच्चों को पीटा, छात्र का हाथ टूटा, छात्रा बेहोश, शिक्षिका निलंबित

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा के मयूरभंज जिले के एक सरकारी स्कूल में विद्यार्थियों की पिटाई करने के आरोप में ओडिशा शिक्षा विभाग ने एक महिला शिक्षिका को निलंबित कर दिया है। बताया जा रहा है कि शिक्षिका ने 31 बच्चों को बांस की छड़ी से पीटा। इस घटना में एक छात्र का हाथ टूट गया, जबकि एक छात्रा बेहोश हो गई। उल्लेखनीय है कि ओडिशा में वर्ष 2004 से शारीरिक दंड पर प्रतिबंध है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह घटना जिले के बाईसिंगा थाना क्षेत्र के अंतर्गत खंडाडेउला सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय की है। जानकारी के अनुसार, सहायक शिक्षिका सुकांति कर ने कक्षा 6, 7 और 8 के छात्रों को इसलिए पीटा, क्योंकि उन्होंने सुबह की प्रार्थना के बाद उनके पैर नहीं छुए।

    स्कूल प्रबंधन समिति के अनुसार, छात्र सामान्यतः प्रार्थना के बाद शिक्षकों को पैर छूकर सम्मान देते हैं, लेकिन उस दिन शिक्षिका प्रार्थना सत्र समाप्त होने के बाद आईं। इस पर नाराज़ होकर उन्होंने बच्चों की पिटाई कर दी, जिससे कई छात्रों के हाथ और पीठ पर चोट के निशान पड़ गए।

    जांच में पाया गया कि एक छात्र का हाथ टूट गया और एक छात्रा बेहोश होकर अस्पताल पहुंची। घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रधानाध्यापक पूर्णचंद्र ओझा, खंड शिक्षा अधिकारी बिप्लव कर, क्लस्टर रिसोर्स सेंटर कोऑर्डिनेटर देवाशीष साहू और स्कूल प्रबंधन समिति ने मामले की जांच की और शिक्षिका को दोषी पाया।

    इसके बाद आरोपी शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया है। खंड शिक्षा अधिकारी बिप्लव कर ने कहा कि मामले को अत्यंत गंभीरता से लिया गया और त्वरित कार्रवाई की गई। ओडिशा सरकार ने सितंबर 2004 से सभी शैक्षणिक संस्थानों में शारीरिक दंड पर रोक लगा रखी है।