ओडिशा में महिला कर्मचारी नाइट शिफ्ट में कर सकेंगी काम, शॉप्स एंड कॉमर्शियल एस्टेब्लिशमेंट्स बिल 2025 पास
ओडिशा विधानसभा ने ओडिशा शॉप्स एंड कमर्शियल एस्टैब्लिशमेंट्स बिल 2025 पारित किया है, जिसके तहत दैनिक कार्यघंटे 9 से बढ़ाकर 10 कर दिए गए हैं। महिलाओं को ...और पढ़ें

प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। राज्य विधानसभा में ओडिशा शॉप्स एंड कमर्शियल एस्टैब्लिशमेंट्स बिल 2025 पारित हो गया है। इसके तहत वर्ष 1956 के मूल अधिनियम में संशोधन किया गया है।
अब सभी श्रेणी के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में दैनिक कार्यघंटे 9 से बढ़ाकर 10 घंटे कर दिए गए हैं। इसी तरह, विधेयक में महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति भी दी गई है, हालांकि इसके लिए कुछ सुरक्षा शर्तें भी निर्धारित की गई हैं।
श्रम एवं रोजगार मंत्री गणेश राम सिंह खुंटिया ने विधानसभा में जानकारी देते हुए कहा कि उत्पादकता बढ़ाना, विशेष रूप से महिला कार्यबल के लिए अधिक रोजगार के अवसर सृजित करना, आर्थिक गतिविधियों को गति देना और राज्य में व्यापार को सुगम बनाना, यह विधेयक का मुख्य उद्देश्य है।
विधेयक पर चर्चा शुरू करते हुए मंत्री ने कहा कि अब दैनिक अधिकतम कार्य समय 10 घंटे होगा। इसके अनुसार श्रमिक सप्ताह में अधिकतम 48 घंटे काम करेंगे। संशोधित प्रावधान उन दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों पर लागू होंगे, जहां 20 या उससे अधिक लोग कार्यरत हैं।
उन्होंने कहा कि किसी भी श्रमिक/कर्मचारी का कार्यकाल बिना कम से कम आधे घंटे के आराम के अधिकतम 6 घंटे होगा। संशोधित श्रम कानून लागू होने के बाद कोई भी प्रतिष्ठान 24×7 खुला रह सकेगा। लेकिन इसके लिए संस्थान को श्रमिकों और कर्मचारियों को ओवरटाइम वेतन और सप्ताह में एक अवकाश देना होगा।
सप्ताहिक अवकाश के लिए श्रमिकों और कर्मचारियों के वेतन में कटौती नहीं की जाएगी। यह प्रावधान दैनिक मजदूरी पर काम करने वालों पर भी लागू होगा।
विधेयक में किसी वित्तीय वर्ष के एक तिमाही में ओवरटाइम सीमा को 50 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे करने का प्रस्ताव है। इससे वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को काम के दबाव का प्रबंधन करने और नियोक्ताओं को लंबे समय तक अधिक कुशलतापूर्वक मानव संसाधन प्रबंधन में सहायता मिलेगी।
मंत्री ने कहा कि बढ़ी हुई ओवरटाइम सीमा से इच्छुक कर्मचारी और श्रमिक सामान्य वेतन का दोगुना तक अतिरिक्त आय कमा सकेंगे।
विधेयक में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और कल्याण सुनिश्चित करते हुए नाइट शिफ्ट में काम करने पर लगी अब तक की रोक हटा दी गई है। मंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य लैंगिक भेदभाव को दूर करना और संगठित क्षेत्र में महिलाओं के लिए अधिक रोजगार अवसर सृजित करना है।
उन्होंने बताया कि संशोधित प्रावधान उस दिन से प्रभावी होंगे जिस दिन शॉप्स एंड कमर्शियल एस्टैब्लिशमेंट्स (संशोधन) अध्यादेश जारी किया गया था अर्थात 8 नवंबर से।

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