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    ओडिशा में सरकारी आयुर्वेद एवं होम्योपैथी कॉलेजों के पीजी छात्रों का स्टाइपेंड बढ़ा, जनवरी 2026 से होगा लागू

    By SHESH NATH RAIEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Mon, 15 Dec 2025 04:59 PM (IST)

    ओडिशा सरकार ने सरकारी आयुर्वेद एवं होम्योपैथी चिकित्सा महाविद्यालयों में पीजी छात्रों के स्टाइपेंड में वृद्धि की है, जो 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगी। ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने राज्य के सरकारी आयुर्वेद एवं होम्योपैथी चिकित्सा महाविद्यालयों में अध्ययनरत स्नातकोत्तर (पीजी) छात्रों के स्टाइपेंड में बड़ी वृद्धि को मंजूरी दी है। यह संशोधित स्टाइपेंड संरचना 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगी। यह निर्णय मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी द्वारा लिया गया है।

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    मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, प्रथम वर्ष के पीजी छात्रों का मासिक स्टाइपेंड 31,000 रुपये से बढ़ाकर 48,000 रुपये कर दिया गया है। वहीं, द्वितीय वर्ष के पीजी छात्रों को अब 32,000 रुपये के स्थान पर 52,000 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे, जबकि तृतीय वर्ष के छात्रों का स्टाइपेंड 33,000 रुपये से बढ़ाकर 55,000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है।

    अधिकारियों के अनुसार, इस संशोधन के तहत प्रथम वर्ष के पीजी छात्रों के स्टाइपेंड में लगभग 55 प्रतिशत, द्वितीय वर्ष के छात्रों के लिए 62 प्रतिशत तथा तृतीय वर्ष के छात्रों के लिए 67 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

    बढ़ा हुआ स्टाइपेंड राज्य सरकार के अधीन आयुर्वेद एवं होम्योपैथी दोनों स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में नामांकित छात्रों पर समान रूप से लागू होगा। इस निर्णय से ओडिशा के सरकारी आयुर्वेद एवं होम्योपैथी चिकित्सा महाविद्यालयों में वर्तमान में उच्च अध्ययन कर रहे लगभग 120 पीजी छात्रों को लाभ मिलने की उम्मीद है।

    हाउस सर्जन का स्टाइपेंड भी बढ़ा

    पीजी छात्रों के अलावा, ओडिशा सरकार ने सरकारी आयुर्वेद एवं होम्योपैथी चिकित्सा महाविद्यालयों में कार्यरत हाउस सर्जनों के स्टाइपेंड में भी उल्लेखनीय वृद्धि को मंजूरी दी है। उनका मासिक स्टाइपेंड 17,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दिया गया है।

    पीजी छात्रों के स्टाइपेंड के विपरीत, हाउस सर्जनों के लिए बढ़ा हुआ स्टाइपेंड चालू वर्ष की 1 अगस्त से प्रतिप्रभावी (रेट्रोस्पेक्टिव) रूप से लागू किया जाएगा।

    अधिकारियों ने बताया कि इस स्टाइपेंड संशोधन को मुख्यमंत्री कार्यालय स्तर पर मंजूरी दी गई है और इसे संबंधित विभागों द्वारा मौजूदा वित्तीय एवं प्रशासनिक प्रक्रियाओं के अनुसार लागू किया जाएगा।