ओडिशा के जाजपुर में मिले प्राचीन मंदिर के अवशेष, चार एकड़ में बिखरे मिले नक्काशीदार पत्थर और धार्मिक मूर्तियां
ओडिशा के जाजपुर के पुरुषोत्तमपुर शासन गांव में INTACH की टीम ने एक प्राचीन मंदिर के अवशेषों की खोज की है। मंदिर के अवशेष एक छोटी पहाड़ी की तलहटी में चार एकड़ के क्षेत्र में फैले हुए हैं। साइट पर विशाल नक्काशीदार पत्थर बड़ी संख्या में इधर-उधर फैले हुए हैं।
संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल: ओडिशा के जाजपुर जिले के पुरुषोत्तमपुर शासन गांव में INTACH की टीम ने एक प्राचीन मंदिर के अवशेषों की खोज की है। मंदिर के अवशेष एक छोटी पहाड़ी की तलहटी में चार एकड़ के क्षेत्र में फैले हुए हैं। साइट पर विशाल नक्काशीदार पत्थर बड़ी संख्या में इधर-उधर फैले हुए हैं। इसके अलावा कुछ धार्मिक मूर्तियां भी साइट के चारों ओर बिखरी हुई पाई गई हैं।
13वीं/14वीं शताब्दी निर्माण का अनुमान
मंदिर के खंडहरों का पता लगाने वाली INTACH ओडिशा चैप्टर टीम का दावा है कि अतीत में अज्ञात कारणों से एक बड़ा मंदिर परिसर गिर गया था लेकिन मंदिर का आधार अभी भी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। टीम ने बताया कि मंदिर के निर्माण का काम 13वीं/14वीं शताब्दी के आसपास हुआ था क्योंकि सबसे उल्लेखनीय पत्थर के पैनल पर युद्ध जुलूस, संगीत बैंड, शाही जुलूस, पालकी और हाथियों के चित्रण हैं।
सांस्कृतिक नरसंहार में नष्ट हुआ मंदिर
INTACH के एक सूत्र ने कहा कि राजाओं के गौरवशाली शासनकाल के दौरान निर्मित कई खूबसूरत मंदिर फिरोज शाह तुगलक, कालापहाड़ा और औरंगजेब के हमलों में ध्वस्त कर दिये गए थे। टीम के एक सदस्य विश्वजीत मोहंती ने बताया कि जाजपुर के क्षेत्र में कई मंदिरों और मठों के विनाश के साथ एक सांस्कृतिक नरसंहार देखा गया था, जिसमें पुरुषोत्तम पुर का यह मंदिर भी ऐसे हमलों के दौरान नष्ट हो गया होगा।
पुरातत्व विभाग या एएसआई करे खुदाई
INTACH के परियोजना समन्वयक अनिल धीर ने कहा कि राज्य पुरातत्व विभाग या एएसआई के विशेषज्ञों द्वारा साइट की उचित पुरातात्विक खुदाई की जानी चाहिए और पूरे 4 एकड़ परिसर को संरक्षित स्मारक घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि INTACH एक प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार करेगा और साइट और आस-पास के क्षेत्रों का उचित सर्वेक्षण करने के अनुरोध के साथ अधिकारियों को प्रस्तुत करेगा।
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