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    Odisha News: मोहन माझी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, सचिवों की शक्ति में कटौती; मंत्रियों को मिली फुल पावर

    Updated: Thu, 22 May 2025 02:51 PM (IST)

    ओडिशा में भाजपा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। नवीन पटनायक सरकार के समय मंत्रियों से ज्यादा सचिवों की चलती थी पर अब सचिवों की शक्तियों को कम करके मंत्रियों को फुल पावर दिया गया है। कैबिनेट की बैठक की तारीख पांच दिन पहले तय की जाएगी और कैबिनेट के प्रस्तावों को तीन दिन पहले अंतिम रूप दिया जाएगा। मुख्यमंत्री की अनुमति के बिना कोई प्रस्ताव कैबिनेट में नहीं आएगा।

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    ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने लिया बड़ा निर्णय।

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा में भाजपा की सरकार आने से पहले नवीन पटनायक सरकार को ब्यूरोक्रेट वाली सरकार कहा जाता था। नवीन सरकार में मंत्रियों की कम अधिकारियों की ज्यादा चलती थी।

    हालांकि, प्रदेश में पहली बार बनी भाजपा सरकार इस धारणा को बदल रही है। इसी क्रम आज सरकार ने सचिवों की शक्तियों में कटौती करते हुए मंत्रियों को फुल पावर दिया है।

    इस संदर्भ में संसदीय कार्य सचिव ने सभी विभागों को पत्र लिखा है।यह निर्देश संसदीय कार्य विभाग की ओर से जारी किया गया है।

    जानकारी के मुताबिक नई सरकार के निर्णय के मुताबिक कैबिनेट की बैठक की तारीख पांच दिन पहले तय की जाएगी, इससे पहले कैबिनेट बैठक की जानकारी एक दिन पहले पता चलती थी।

    इसी तरह कैबिनेट के सभी प्रस्ताव को तीन दिन पहले अंतिम रूप दिया जाएगा।कैबिनेट के प्रस्ताव की फाइल दो दिन पहले मंत्री के पास जाएगी। मुख्यमंत्री की अनुमति के बिना कोई भी प्रस्ताव कैबिनेट में नहीं आ सकता है।

    आप मुख्यमंत्री की अनुमति के बिना विभागीय मंत्रिमंडल में नहीं बैठ सकते।कैबिनेट की कार्यसूची में शामिल प्रस्तावों को लेकर विभागीय सचिव कैबिनेट कक्ष में नहीं बल्कि बगल के कक्ष में बैठेंगे।

    आवश्यकता पड़ने पर विभागीय सचिव कैबिनेट बैठक कक्ष में जा सकते हैं।बताया जाता है कि प्रस्तावों पर मुहर लगने के तुरंत बाद उन्हें लागू करने की जिम्मेदारी मंत्रियों की होगी। हालांकि इस बात पर चर्चा चल रही है कि आखिर ऐसे मंत्रिमंडल में ऐसा ढांचागत बदलाव क्यों किया गया है।

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    गौरतलब है कि बीजद सरकार के दौरान विपक्ष आरोप लगाता रहा है कि कैबिनेट का एजेंडा मंत्रियों के पास नहीं रहता है। मंत्री सचिव से कैबिनेट द्वारा पारित प्रस्ताव के बारे में पूछते थे।

    नए नियमों के मुताबिक कैबिनेट में मुख्य सचिव और विकास आयुक्त के अलावा कोई नहीं बैठ सकता है।एजेंडा तीन दिन पहले मंत्रियों के पास जाएगा।

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