धर्मेंद्र प्रधान ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर उठाये सवाल, बोले-DGP भगवान जगन्नाथ का नाम लेकर बचना चाहते हैं
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की दिनदहाड़े हत्या को लेकर राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े किये। इसके साथ ही उन्होंने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पर भी निशाना साधा।

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की दिनदहाड़े हत्या को लेकर राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े किये। इसके साथ ही उन्होंने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पर भी निशाना साधा।
जांच की निगरानी कर रहे जज के अधिकारों पर उठाये सवाल
भुवनेश्वर में पत्रकारों को बात करते हुए प्रधान ने आरोप लगाया कि नब किशोर दास मामले में चल रही जांच का मूल आधार ही गलत है। उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की नियुक्ति आयोग अधिनियम के अनुसार नहीं की गई है। इसके अलावा उनके अधिकारों को भी स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया गया है। प्रधान ने ओडिशा के डीजीपी सुनील बंसल के उन बयानों को भी गलत बताया कि नब किशोर दास की हत्या अपनी तरह की एक 'दुर्भाग्यपूर्ण' घटना थी और केवल भगवान जगन्नाथ ही इसे बता सकते थे।
डीजीपी के बयान पर उठाये सवाल
प्रधान ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। दुर्भाग्य से किसी के पास कोई जवाब नहीं है कि पुलिस कर्मी (बर्खास्त) को बिंदु रिक्त सीमा से मंत्री को गोली मारने के लिए मजबूर क्यों किया गया। उन्होंने कहा कि डीजीपी का यह बयान कि केवल भगवान जगन्नाथ ही जानते हैं, राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में बहुत कुछ कहता है। डीजीपी भगवान जगन्नाथ का नाम लेकर बचने की कोशिश कर रहे हैं, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
सरकार कौन चला रहा है?
प्रधान के अनुसार, ओडिशा में अराजकता है और कई वीडियो देखने के बाद लोग अब सवाल कर रहे हैं कि वास्तव में राज्य में सरकार कौन चला रहा है। प्रधान ने आगे कहा कि इस तरह की घटनाओं से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि ओडिशा में कानून-व्यवस्था विफल हो गई है। मुख्यमंत्री को जिम्मेदारी लेने और लोगों के जनादेश का सम्मान करने की आवश्यकता है।
मंत्री सुरक्षित नहीं तो आम आदमी की क्या बिसात
उन्होंने हमला करते हुए आगे कहा कि नब किशोर दास की हत्या हो, या हाल ही में बालेश्वर उप-कलेक्टर पर हमला और ऐसे अन्य मामले, कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से बदहाल हो गई है। प्रधान ने कहा कि अगर इस तरह की घटनाएं एक हाई-प्रोफाइल कैबिनेट मंत्री या उपजिलाधिकारी के साथ हो सकती हैं तो आम आदमी की क्या स्थिति होगी, इसकी कल्पना की जा सकती है।
कई सवाल अनुत्तरित
प्रधान ने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां अपनी प्रमुख भूमिका का अच्छी तरह से निर्वहन नहीं कर रही हैं। नब दास हत्याकांड की एक स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। हालांकि, ऐसा लगता है कि सरकार इसके बारे में बिल्कुल भी गंभीर नहीं है, कई सवाल अनुत्तरित हैं। एक जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते भाजपा इन मुद्दों पर व्यापक जागरूकता पैदा करेगी।
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