Odisha News: ओडिशा में मंच पर जिंदा सुअर खाने के मामले में एक्शन, अभिनेता और जात्रा प्रबंधक गिरफ्तार
Odisha News गंजाम जिला पुलिस और वन विभाग ने जात्रा के दौरान जिंदा सूअर और मुर्गियां खाने तथा जहरीले सांपों से खिलवाड़ करने वाले कलाकारों के खिलाफ मामला दर्ज करने के साथ ही दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ओडिशा में जात्रा में क्रूरता की घटनाओं को लेकर विधानसभा में चिंता जताई गई है। भाजपा विधायक सनातन बिजली ने कहा कि जात्रा अश्लीलता से भरी हुई है।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। Odihsa News: ओडिशा में पहले ही जात्रा करने के नाम पर अंगों का खुला प्रदर्शन की खबरें चलती रही हैं, परन्तु अब जात्रा में क्रूरता ने भी अपना स्थान बना लिया है। बार-बार शिकायतों और असंतोष के बावजूद, संस्कृति और कानून विभाग यहा सरकार ने तो कोई कदम नहीं उठाया है, परन्तु लोगों के भारी आक्रोश को देखते हुए गंजाम जिला पुलिस और वन विभाग ने कार्रवाई की है।
जात्रा का एक वीडियो सोमवार को इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे पूरे राज्य में आक्रोश फैल गया।पर्यावरणविदों और बुद्धिजीवियों ने इसकी निंदा की और कड़ी कार्रवाई की मांग की।परिणाम स्वरूप गंजाम जिले के हिंजिलिकाटु ब्लॉक के रालब गांव में 26 दिसंबर को रामायण नाटक के प्रदर्शन के दौरान मंच पर जिंदा सूअर और मुर्गियां खाने तथा जहरीले सांपों से खिलवाड़ करने वाले कलाकारों के खिलाफ मामला दर्ज करने के साथ ही दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
ओडिशा में जात्रा क्या है?
- ओडिशा में जात्रा एक प्रकार का ओडिया थिएटर है।
- यह शरद ऋतु से शुरू होकर जून के महीनों तक चलता है।
- जात्रा में नाटक, संगीत, और नृत्य शामिल होता है।
- यह प्रदर्शन आमतौर पर खुले मंच पर किया जाता है और दर्शक चारों ओर बैठे होते हैं।
जिंदा पशु के सेवन पर विधानसभा में भी जतायी गई चिंता
जात्रा के दौरान अश्लीलता और जिंदा पशु के सेवन की घटनाओं को लेकर मंगलवार को विधानसभा में चिंता जताई गई।शून्यकाल के दौरान भाजपा विधायक सनातन बिजली ने कहा कि जात्रा अश्लीलता से भरी हुई है। अंग प्रदर्शन के लिए प्रतियोगिता चल रही है।परिवार के साथ बैठकर जात्रा देखना नामुमकिन हो गया है।कलाकार के भाषाई संयम और अंगों के प्रदर्शन को रोकने की जरूरत है। सरकार को इस संबंध में सख्त कदम उठाने चाहिए।
जीवित सूअर के सेवन की निंदा, फिल्मों की तरह जात्रा में भी लागू सेंसर सिस्टम
विधायक बाबू सिंह ने कहा कि कुछ लोगों ने यात्रा में ओडिशा की कला और संस्कृति को धूमिल किया है।मंच पर, आप जीवित सूअर और मुर्गियों को खाते हुए देख सकते हैं।जात्रा पर जिस तरह से नृत्य किया जाता है वह चिंताजनक है।हमारी संस्कृति को बदनाम करने के प्रयास बंद होने चाहिए।हम बात कर रहे हैं उड़िया अस्मिता की।इसलिए हमारी संस्कृति की रक्षा होनी चाहिए।फिल्मों की तरह जात्रा में भी सेंसर सिस्टम लागू होना चाहिए।
कानून और संस्कृति विभाग चुप
बरहमपुर डीएफओ सन्नी खोखर ने जानकारी दी है कि जात्रा प्रबंधक नारायण स्वांई (37) को नाटक में वन्यजीव संरक्षण नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में बरहमपुर वन प्रभाग मामला संख्या 187/2024-25 में गिरफ्तार किया गया है। मामले में आगे की जांच जारी है। इसमें शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।इस बीच, हिंजिलिकाटु पुलिस ने भी घटना का गंभीरता से संज्ञान लिया और अपनी ओर से 985 नंबर पर मामला दर्ज किया।
राक्षस की भूमिका निभाने वाले विंबाधर गौड़ को सभी क्रूरता की सीमा पार करने के लिए कोर्ट चालान कर दिया गया है। बिंबाधर का घर कविसूर्यनगर थाने के वड़खरिड़ा गांव में है।नाटक का मंचन चिकिली के 'रामायण ग्रुप' ने किया था। देखा जाए तो जात्रा डांस में अश्लीलता का प्रदर्शन अब ट्रेंड बन गया है।
जात्रा मालिक जिम्मेदार
नतीजतन युवा पीढ़ी भटकती जा रही है। इसके लिए जात्रा मालिक जिम्मेदार है या समिति जिम्मेदार, इस पर एक दुसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जाते रहे हैं।हालांकि, जात्रा समिति महासंघ ने जात्रा में अश्लीलता के विरोध में पिछले महीने कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन से मुलाकात की थी। फेडरेशन ने अश्लीलता, द्विअर्थी शब्दों और समाज पर पड़ने वाले कुप्रभावों के विरोध में एक ज्ञापन भी जारी किया था। जात्रा के लिए विशेष दिशा-निर्देश होने चाहिए।विभिन्न हलकों में यह सुझाव दिया गया है कि जात्रा समिति, जात्रा मालिकों के साथ-साथ कलाकार और आइटम डांसर भी इसका पालन करेंगे और सीमा के भीतर रहेंगे।
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