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    ओडिशा विधायक वेतन वृद्धि पर पुनर्विचार की मांग, बीजेपी विधायकों ने CM माझी से की मुलाकात

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 02:00 AM (IST)

    ओडिशा में बीजेपी विधायकों ने मुख्यमंत्री माझी से मुलाकात कर विधायकों के वेतन वृद्धि पर पुनर्विचार करने की मांग की है। विधायकों का कहना है कि वर्तमान व ...और पढ़ें

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    ओडिशा विधानसभा (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, अनुगुल। ओडिशा विधानसभा में विधायकों, मंत्रियों और अन्य विधायी पदाधिकारियों के वेतन व भत्तों में की गयी वृद्धि को लेकर सियासत गरमा गयी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने इस निर्णय पर पुनर्विचार की मांग करते हुए मुख्यमंत्री से मुलाकात की और जनता की भावना का सम्मान करने का आग्रह किया।

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    विधायकों का कहना है कि हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान पारित विधेयकों के तहत विधायकों के वेतन और भत्तों में उल्लेखनीय वृद्धि की गयी है। इस फैसले के बाद आम लोगों के बीच असंतोष की स्थिति बन रही है।

    ऐसे समय में जब महंगाई और रोजगार जैसे मुद्दे आम जनता को प्रभावित कर रहे हैं, तब जनप्रतिनिधियों के वेतन में बड़ी वृद्धि उचित नहीं मानी जा रही है। भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री के समक्ष यह तर्क रखा कि लोकतंत्र में जनभावना सर्वोपरि होती है और इसलिए सरकार को इस निर्णय पर दोबारा विचार करना चाहिए।

    उन्होंने कहा कि जनता के बीच यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि जनप्रतिनिधि अपने हितों को प्राथमिकता दे रहे हैं। उधर, इस मुद्दे पर राज्यभर में राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं। विभिन्न सामाजिक संगठनों और नागरिक समूहों ने भी वेतन वृद्धि पर सवाल उठाये हैं।

    उनका कहना है कि पहले आम कर्मचारियों, श्रमिकों और जरूरतमंद वर्गों की समस्याओं का समाधान होना चाहिए। सरकारी स्तर पर फिलहाल इस फैसले को लेकर कोई आधिकारिक संशोधन की घोषणा नहीं की गयी है, लेकिन भाजपा विधायकों की मांग के बाद यह मुद्दा और चर्चा में आ गया है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार इस पर आगे क्या रुख अपनाती है और क्या वेतन वृद्धि के निर्णय पर पुनर्विचार किया जाता है या नहीं।

    गौरतलब है कि 9 दिसम्बर को पारित चार विधेयकों के तहत विधायकों का कुल मासिक पारिश्रमिक लगभग ₹3.45 लाख तक बढ़ा दिया गया है, जो उन्हें देश के सबसे अधिक वेतन पाने वाले विधायकों में शामिल करता है। इस वृद्धि में मूल वेतन के साथ-साथ भत्ते, यात्रा, चिकित्सा और अन्य सुविधाएँ शामिल हैं। इन अध्यादेशों का प्रभाव जून 2024 से लागू माना गया है।