मुख्यमंत्री मक्का मिशन: राज्य स्तरीय कार्यशाला का हुआ आयोजन, 15 जिलों में किसानों को सशक्त करने की पहल
मुख्यमंत्री मक्का मिशन के तहत राज्य स्तरीय परामर्श कार्यशाला कृषि भवन में आयोजित की गई। डॉ. अरविंद कुमार पाढ़ी ने कहा कि मक्का राज्य में धान के बाद दूसरी महत्वपूर्ण फसल है। मिशन में 15 जिले और 45 ब्लॉक शामिल हैं। नवरंगपुर में मक्का आधारित स्टार्च संयंत्र महत्वपूर्ण होगा। दस एफपीसी और मक्का खरीदारों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। मुख्यमंत्री मक्का मिशन (एमएमएम) के तहत पहली राज्य स्तरीय परामर्श कार्यशाला शुक्रवार को कृषि भवन के ऑडिटोरियम में आयोजित की गई। उद्घाटन कृषि एवं किसान सशक्तिकरण विभाग के प्रधान सचिव डॉ. अरविंद कुमार पाढ़ी ने किया।
उद्घाटन सत्र में ओयूएटी के कुलपति डॉ. प्रभात कुमार रौल, ओआरएमएएस के सीईओ चक्रवर्ती सिंह राठौर, मिशन शक्ति की निदेशक डॉ. मोनिका प्रियदर्शिनी और कृषि निदेशक शुभम सक्सेना प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
डॉ. पाढ़ी ने कहा कि मक्का अब राज्य में धान के बाद दूसरी महत्वपूर्ण फसल बन गई है। मिशन के तहत 15 जिले और 45 ब्लॉक शामिल हैं। नवरंगपुर में विजयनगर बायोटेक का मक्का आधारित स्टार्च संयंत्र मक्का उत्पादन में नया मुकाम साबित होगा।
कार्यक्रम में दस एफपीसी और मक्का खरीदारों के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इससे किसानों को बेहतर बाजार और मूल्य सुनिश्चित होंगे।
प्रमुख जिलावार एफपीसी में जशीपुर, कोमना, नवरंगपुर, कोरापुट, गजपति, केंदुझर, मालकानगिरी, कंधमाल और गंजाम शामिल हैं।
ओयूएटी के कुलपति डॉ. रौल ने कहा कि इथेनॉल मिश्रण नीति, स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की खेती मक्का उत्पादन में नई संभावनाएं जोड़ रही हैं। ओआरएमएएस के सीईओ राठौर ने मिशन की दो मुख्य रणनीतियां बताईं– उत्पादन बढ़ाना और बाजार का सामूहिकरण।
कार्यक्रम का समन्वय एक्सेस डेवलपमेंट सर्विसेज ने किया। इस दौरान नवीनतम मक्का खेती तकनीक, हाइब्रिड बीज उत्पादन और विशेष कॉर्न के प्रचार पर विस्तृत चर्चा हुई।
कार्यक्रम का समापन जेडीए (पी एंड ओ)-कम-नोडल अधिकारी बिष्णु प्रसाद पटनायक ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत कर किया।
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