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    Odisha News: उच्च सुरक्षा वाली 6 जेलों में ड्रोन से होगी निगरानी, कैदियों गतिविधियों पर होगी नजर

    ओडिशा जेल विभाग ने उच्च सुरक्षा वाली जेलों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए ड्रोन निगरानी का फैसला किया है। कटक चौद्वार बरहमपुर संबलपुर कोरापुट और भुवनेश्वर झारपाड़ा जेलों में ड्रोन से कैदियों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। मादक पदार्थों की तस्करी और जेल से भागने की कोशिशों को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके लिए एनएसजी कर्मियों की मदद ली जाएगी।

    By Sheshnath Rai Edited By: Ashish Mishra Updated: Fri, 04 Jul 2025 10:51 AM (IST)
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    राज्य की उच्च सुरक्षा वाली जेलों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के लिए उड़ेंगे 10 ड्रोन। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। जेल विभाग ने राज्य की उच्च सुरक्षा वाली जेलों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने का बड़ा फैसला लिया है। जेल आधुनिकीकरण परियोजना में सुरक्षा को महत्व दिया गया है। इस लिहाज से अब हाई सिक्योरिटी जेल के ऊपर ड्रोन उड़ेंगे।

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    कैदियों के काले कारनामों पर नजर रखने के लिए ड्रोन पहरे पर रहेंगे। ड्रोन का इस्तेमाल मादक पदार्थों की तस्करी और दीवार से कूदने के प्रयास को रोकने के लिए किया जाएगा।

    यह व्यवस्था दो महीने के भीतर लागू कर दी जाएगी और इसके लिए एनएसजी कर्मियों की मदद ली जाएगी।

    राज्य के हाई सिक्योरिटी वाले 6 जेल

    राज्य में कटक चौद्वार, बरहमपुर, संबलपुर, कोरापुट और भुवनेश्वर झारपाड़ा जेल उच्च सुरक्षा वाली जेल की श्रेणी में हैं। इन जेलों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करने की तैयारी शुरू हो गई है। इन सभी जेलों के लिए दस ड्रोन बनाए गए हैं।

    इन जेलों के सेवानिवृत्त जवानों के साथ-साथ विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों को नियोजित किया गया है। जेल के निगरानी टावरों पर विशेष सुरक्षाकर्मी भी तैनात किए गए हैं। जेल गेट पर मेटल डिटेक्टर और हैंड डिटेक्टर भी लगे हैं।

    हालांकि, ड्रग्स, हथियार और मोबाइल फोन जैसी आपत्तिजनक सामग्री अभी भी जेल में पहुंच जा रही है। खासकर रात के समय कैदी जेल सुरक्षा व्यवस्था का उल्लंघन कर इस तरह की तस्करी करते हैं।

    पहले भी राज्य भर की विभिन्न जेलों में छापे मारे गए थे और कैदियों से मोबाइल फोन, नशीले पदार्थ और हथियार जब्त किए गए थे।

    मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर नियमित अंतराल पर अपराधियों के यहां छापे मारे जा रहे हैं और कैदियों की कालाबाजारी पकड़ी जा रही है।

    हालांकि, ऐसी घटनाओं को स्थायी रूप से रोका नहीं जा सका है। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि ड्रोन की रखवाली करने के बाद इन गतिविधियों पर अंकुश लग जाएगा। विभाग के सूत्रों के मुताबिक, प्रति ड्रोन 1 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।

    रातभर ड्रोन जेल के ऊपर चक्कर लगाएंगे। उल्लेखनीय है कि जेल उन्नयन परियोजना में 7.53 करोड़ रुपये जेल विभाग को मिले हैं। इस अनुदान से ड्रोन सिस्टम और अन्य विकास कार्य पूरे हो सकेंगे।