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    Odisha में जानलेवा बनी गर्मी, हीट स्‍ट्रोक से 72 घंटों में 99 मौतें; अब तक कुल 141 ने गंवाई जान

    Odisha Heatwave Deaths ओडिशा में हीटवेव के चलते लोगों की अधिक संख्‍या में मौतें हो रही हैं। बताया जा रहा बीते 72 घंटों के दौरान सन स्‍ट्रोक से 99 मौतें हुई हैं। विशेष राहत आयुक्‍त का कहना है कि अब तक हीट स्‍ट्रोक के चलते कुल 141 मौतों के मामले दर्ज किए गए हैं इनमें 26 के मरने की पुष्टि लू की ही चपेट में आने से हुई है।

    By Jagran News Edited By: Arijita Sen Updated: Mon, 03 Jun 2024 08:14 AM (IST)
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    ओडिशा में हीटवेव के चलते हो रहीं मौतें।

    एजेंसी, भुवनेश्‍वर। Odisha Heatwave Deaths : ओडिशा के विभिन्‍न हिस्‍सों में पिछले 72 घंटों के दौरान कथित तौर पर सन स्ट्रोक से 99 मौतें होने की बात कही गई है। इन 99 मौतों में से 20 मामलों की पुष्टि जिलाधिकारियों द्वारा की गई है। ओडिशा के विशेष राहत आयुक्‍त ने कहा है कि इस भीषण गर्मी के दौरान जिलाधिकारियों की तरफ से स्‍ट्रोक के कारण हुई मौतों के कुल 141 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 26 लोगों के मरने की पुष्टि लू की ही चपेट में आने से हुई है। 

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    हीट स्‍ट्रोक से हो रही मौतों को लेकर चिंति‍त राज्‍य सरकार

    हीट स्ट्रोक से अचानक हुई इतनी अधिक संख्‍या में मौतों को लेकर राज्य सरकार चिंति‍त है। लगातार हीट स्ट्रोक से मरने वालों की संख्या को बढ़ते देख शनिवार को तीन सदस्यीय डॉक्टरों की टीम राउरकेला सरकारी अस्पताल पहुंची।

    जहां पर बुर्ला से आए प्रोफेसर भूटेश्वर प्रधान, स्टेट सर्विलेंस अधिकारी डॉ अशोक कुमार पैतराय व डॉ अर्घ्य प्रधान ने आरजीएच के अधीक्षक डॉ गणेश प्रसाद दास के साथ उच्च स्तर बैठक की।

    इसके साथ ही हीट स्ट्रोक वार्ड का दौरा कर मरीजों से बातचीत भी की। बताया जा रहा है कि तीन सदस्यीय टीम हीट स्ट्रोक की स्थिति पर रिपोर्ट तैयार कर स्वास्थ्य विभाग को सौंपेगी।

    लू से बचने के सुझाव

    इधर, स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग ने कहा है कि बुजुर्गों के साथ-साथ बीमार लोगों और गर्भवती महिलाओं के लिए स्ट्रोक का खतरा अधिक रहता है। ज्यादा पसीन आना, चक्कर आना और आंख के सामने अंधेरा छा जाना, तेज प्यास लगना, मांसपेशियों में जकड़न, बेहोशी हो जाना लू लगने के लक्षण हैं।

    इससे छुटकारा पाने के लिए सुबह या शाम में धूप कम होने पर बाहर निकलें। बाहर जाने से पहले पर्याप्त पानी पिएं। हल्के रंग के ढीले कपड़े पहने, छाते और जूतों का प्रयोग करें। धूप में शारीरिक श्रम न करें। अधिक दूर तक पैदल न चलें। बीच-बीच में छाया में आराम करें।

    इस तरह के व्यक्ति को इलाज के लिए किसी खुले और ठंडी जगह पर ले जाएं। ओआरएस या चीनी, नमक की चाशनी या सादा पानी पिएं। संभव है तो कपड़े खोल दें।

    लू लगने वाले व्यक्ति के सिर को धोकर गीले कपड़े से पोंछ लें। मरीज को पंखे या कूलर या एसी से हवा में सुलाएं।स्वास्थ्य में सुधार न होने पर स्वास्थ्य कर्मचारी को जानकारी दें या फिर एम्बुलेंस बुलाकर अस्पताल पहुंचने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने सलाह दी है। 

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