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    चक्रवात ‘मोंथा’ से निपटने के लिए ओडिशा सरकार तैयार, जीरो कैजुअल्टी पर CM का फोकस

    By Shesh Nath RaiEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Tue, 28 Oct 2025 06:51 PM (IST)

    ओडिशा सरकार चक्रवात ‘मोंथा’ से निपटने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने शून्य हताहत सुनिश्चित करने पर जोर दिया है। आपदा प्रबंधन के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। तटीय क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि किसी की जान न जाए और राहत बचाव कार्य सुचारू रूप से चल सके।

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    चक्रवात ‘मोंथा’ से निपटने के लिए ओडिशा सरकार तैयार, जीरो कैजुअल्टी पर CM का फोकस

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। चक्रवात मोंथा का प्रभाव अब ओडिशा के विभिन्न जिलों में दिखने लगा है। कहीं पर भूस्खलन के कारण आवागमन बाधित हुआ है तो कहीं पर भारी बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है, कुछ जगहों पर भारी वर्षा के कारण जल जमाव की स्थिति भी देखने को मिली है।

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    ऐसे में ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने चक्रवात से निपटने के लिए जीरो कैजुअल्टी के उद्देश्य से कार्य करने के लिए मंगलवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।

    समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि हमारी सरकार चक्रवात मोंथा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।राज्य के विभिन्न ज़िलों विशेष रूप से गंजाम, गजपति, रायगढ़ा, कोरापुट, मालकानगिरी, कंधमाल, कालाहांडी और नवरंगपुर सहित कुल 8 जिलों में व्यापक तैयारियां की गई हैं।

    लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए 2,048 चक्रवात और बाढ़ आश्रय स्थल तैयार किए गए हैं।अब तक 8 जिलों में 11,396 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जबकि आवश्यकता पड़ने पर और 30,554 लोगों को स्थानांतरित किया जाएगा।

    1,871 गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य केंद्रों में स्थानांतरित किया गया है, कुल 2,693 गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित रूप से स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचाया जाएगा। कुल 30 ओड्राफ, 123 अग्निशमन दल और 5 एनडीआरएफ टीमें तैनात की गई हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा है कि आगामी दो-तीन दिनों तक समुद्र तट और पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटकों के घूमने पर प्रतिबंध लगाया गया है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की कड़ी चेतावनी दी गई है। 8 जिलों में स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को 30 तारीख तक बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं।

    निरंतर बिजली आपूर्ति और पेयजल उपलब्ध कराने के लिए इंजीनियरिंग विभाग पूरी तरह तैयार हैं, साथ ही बिजली आपूर्ति के लिए वैकल्पिक रूप में डीजल जनरेटर (डीजी सेट) की व्यवस्था की गई है। प्रभावित क्षेत्रों के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में सांप के काटने की दवा, आवश्यक औषधियां और चिकित्सा किट उपलब्ध रखी गई हैं।

    चक्रवात के बाद फसल क्षति का तुरंत आकलन कर जरूरत के अनुसार सहायता प्रदान करने के लिए कृषि विभाग को निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार चक्रवात ‘मोंथा’ से सशक्त रूप से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस बार भी, हर बार की तरह, राज्य सरकार का लक्ष्य है ‘शून्य जनहानि’।