JEE एवं NEET की नि:शुल्क कोचिंग की व्यवस्था कर रही है ओडिशा सरकार, मेधावी छात्रों के लिए बाधक नहीं बनेगी गरीबी
ओडिशा सरकार जल्द ही जेईई (JEE) और नीट (NEET) की निशुल्क कोचिंग दी जाएगी। यह कोचिंग उन छात्रों को दी जाएगी जिन्होंने मैट्रिक में 90 फीसदी से ज्यादा अंक हासिल किए हैं। नतीजतन हर साल सैकड़ों छात्र 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ रहे हैं।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। डाक्टरी एवं इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए अब ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। गरीब व प्रतिभावान विद्यार्थियों के सपने साकार होंगे। 11वीं और 12वीं कक्षा के मेधावी छात्रों को स्कूलों में जेईई (JEE) और नीट (NEET) की नि:शुल्क कोचिंग दी जाएगी।
हाई स्कूल कैंपस में जूनियर कॉलेज के आने के बाद स्कूल और जन शिक्षा विभाग जल्द ही कुछ बड़े फैसले लेने जा रहा है। जन शिक्षा विभाग की इस तरह की पहल से छात्र जहां बेहद खुश हैं, वहीं उन्हें उम्मीद भी है कि वे अपने सपने पूरे कर सकेंगे।
मैट्रिक में 90 फीसदी से ज्यादा अंक हासिल करने वालों को मिलेगी कोचिंग
ओडिशा आदर्श विद्यालय ढांचा में सरकारी स्कूलों में भी कोचिंग दी जाएगी। इसके परिणामस्वरूप, गरीब और मध्यम वर्ग के छात्र अपने आप को सर्वभारतीय स्तर की परीक्षा देने के लिए तैयार कर सकते हैं। यह कोचिंग उन छात्रों को दी जाएगी जिन्होंने मैट्रिक में 90 फीसदी से ज्यादा अंक हासिल किए हैं।
शिक्षा एवं जन शिक्षा विभाग राज्य के 101 अपग्रेडेड स्कूलों में इस प्रणाली को लागू करने की योजना बना रहा है। हालांकि छात्रों ने मांग की है कि जल्द ही सभी स्कूलों में यह व्यवस्था लागू की जाए।
राज्य के उपनगरीय इलाकों के ज्यादातर बच्चे स्कूली पढ़ाई के बाद कालेज नहीं जाते थे। मैट्रिक के बाद उनकी पढ़ाई बंद हो जाती थी। नतीजतन, हर साल सैकड़ों छात्र 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ रहे हैं।
JEE और NEET कोचिंग व्यवस्था लागू
अब राज्य सरकार ने उपनगरीय क्षेत्रों में ऐसे स्कूलों का चयन कर उन्हें 12वीं तक बना रही है। ऐसे स्कूलों के प्रतिभावान छात्रों को स्कूल के प्रति आकर्षित करने के लिए स्कूल उन्नयन के साथ-साथ जेईई और नीट कोचिंग व्यवस्था लागू की जाएगी।
ओडिशा माडल स्कूलों की सफलता को सरकारी स्कूलों में दोहराने के लिए राज्य सरकार का यह मास्टर प्लान है। नतीजतन, अधिक बच्चे रुचि के साथ स्कूल आएंगे और अपनी पढ़ाई पर ध्यान देंगे।
शिक्षाविदों ने कहा है कि यह व्यवस्था लागू करना निश्चित रूप से सरकार का बेहतर कदम हैं, मगर इसके लिए शिक्षक पदों भरने के लिए प्राथमिकता देना जरूरी होगा।