ओडिशा सरकार ने दी सेमीकंडक्टर कंपनी स्थापित करने की मंजूरी, 618 करोड़ की लागत से होगा निर्माण
ओडिशा सरकार ने भुवनेश्वर में आरआइआर पावर इलेक्ट्रॉनिक्स की सिलिकॉन कार्बाइड सेमीकंडक्टर परियोजना के पहले चरण के लिए वित्तीय सहायता मंजूर की है। 618 करोड़ रुपये के निवेश वाली इस परियोजना से राज्य में पहली बार एसआइसी सेमीकंडक्टर संयंत्र बनेगा जिससे भारत की सेमीकंडक्टर क्षमताएं बढ़ेंगी। यह मेक इन इंडिया को बढ़ावा देगा और ऊर्जा दक्षता में सुधार करेगा।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने भुवनेश्वर में आरआइआर पावर इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड की सिलिकॉन कार्बाइड (एसआइसी) सेमीकंडक्टर निर्माण परियोजना के पहले चरण के लिए वित्तीय सहायता को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय भारत की सेमीकंडक्टर क्षमताओं और ऊर्जा दक्षता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के माध्यम से ओडिशा सरकार ने इस परियोजना को औपचारिक रूप से वित्तीय सहायता प्रदान करने की स्वीकृति दी है।
ओडिशा कंप्यूटर एप्लिकेशन सेंटर (ओसीएसी), जो इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी है, ने पूंजी सब्सिडी की प्रगतिशील (प्रो-रेटा) वितरण के लिए एक अधिसूचना जारी की है।
618 करोड़ रुपए की कुल लागत
इस परियोजना में कुल लगभग 618 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। राज्य स्तरीय सिंगल विंडो क्लीयरेंस समिति और राज्य मंत्रिमंडल द्वारा इसे पिछले वित्तीय वर्ष में ही मंजूरी मिल चुकी थी।
पहले चरण में 65 करोड़ की पूंजीगत व्यय के तहत कंपनी को राज्य नीति के अनुसार 32 करोड़ की पूंजी सब्सिडी मिलेगी।
राज्य में पहली बार बनेगा एसआइसी सेमीकंडक्टर संयंत्र
यह संयंत्र राज्य में अपनी तरह का पहला होगा, जो भारत की उच्च-प्रदर्शन सेमीकंडक्टर निर्माण क्षमताओं को मजबूत करेगा। इसमें उच्च वोल्टेज वाले सिलिकॉन कार्बाइड घटकों जैसे MOSFETs, IGBTs और डायोड (3.3 kV से 20 kV तक) का निर्माण किया जाएगा।
ये घटक मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों में उपयोगी होंगे
- इलेक्ट्रिक वाहन (EVs)।
- नवीकरणीय ऊर्जा और पावर ग्रिड।
- औद्योगिक स्वचालन।
- उन्नत पावर इलेक्ट्रॉनिक्स।
आरआइआर पावर इलेक्ट्रॉनिक्स के चेयरमैन और निदेशक डॉ. हर्षद मेहता ने कहा है कि हम ओडिशा सरकार के दूरदर्शी सहयोग के लिए हार्दिक आभार प्रकट करते हैं। यह पहल न केवल आधुनिक सेमीकंडक्टर विनिर्माण को राज्य में लाने में मदद करती है, बल्कि नवाचार, रोजगार और भारत की ऊर्जा दक्षता लक्ष्यों में भी योगदान देती है।
‘मेक इन इंडिया’ और ऊर्जा दक्षता को मिलेगा बढ़ावा
सिलिकॉन कार्बाइड सेमीकंडक्टर उच्च-शक्ति अनुप्रयोगों में अपनी ऊर्जा दक्षता और विश्वसनीयता के लिए जाने जाते हैं। इनके उपयोग से विभिन्न औद्योगिक प्रणालियों की प्रदर्शन क्षमता में सुधार होगा और ऊर्जा की बचत के साथ-साथ टिकाऊ विकास को भी बल मिलेगा।
यह परियोजना ओडिशा की बढ़ती हुई इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षमता को दर्शाती है और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के साथ पूर्णतः मेल खाती है।
संयंत्र के चालू होने के बाद यह भारत की सेमीकंडक्टर निर्माण क्षमताओं को मजबूत करेगा और महत्वपूर्ण घटकों के आयात पर निर्भरता को भी कम करेगा।
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