Odisha News: प्रदेश के सभी जिलों में खोली जाएगी आदर्श मंडी, 6 विभागों के 7 प्रस्तावों को कैबिनेट की मंजूरी
राज्य सरकार ने किसानों को धान मंडियों में एकीकृत सुविधाएं प्रदान करने के लिए 38 आदर्श मंडियां बनाने का फैसला किया है जिस पर 300 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कैबिनेट ने नर्सिंग शिक्षा सेवा नियमों संग्रहालय निदेशालय संचालन और अमला सेवा नियमावली को भी मंजूरी दी है। इसके अतिरिक्त शहरी क्षेत्रों में एलईडी लाइटें लगाने और हवाई अड्डे पर एमआरओ सुविधा स्थापित करने के प्रस्तावों को भी स्वीकृति मिली।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। धान मंडी में किसानों को एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। किसानों, व्यापारियों और अन्य हितधारकों को सभी जरूरी विपणन संबंधी कार्यों की सुविधा एक ही स्थान पर मिलेगी।
फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने, किसानों की आय बढ़ाने, सही और त्वरित बाजार सूचना उपलब्ध कराने तथा अन्य सहायक विभागों की योजनाओं और कार्यक्रमों को एक जगह उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार सभी 30 जिलों में आदर्श मंडी स्थापित करेगी।
पहले चरण में राज्य में 38 आदर्श मंडियां बनाई जाएंगी, जिस पर 300 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सहकारिता विभाग के इस प्रस्ताव को राज्य कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।
लोक सेवा भवन में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक में उपरोक्त प्रस्ताव समेत 6 विभागों के 7 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
कैबिनेट बैठक के बाद मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने मीडिया को बताया कि आदर्श मंडी में धान खरीद को सुगम बनाने के लिए पर्याप्त कंक्रीट फर्श, छतदार फर्श, बहुउद्देश्यीय गोदाम, पर्याप्त पार्किंग, तौल उपकरण, किसान सुविधा केंद्र, विश्राम और शौचालय सुविधाएं, परिवहन सुविधा, महिला किसानों के लिए विशेष सुविधाएं जैसे कि शिशु देखभाल केंद्र और विश्राम गृह, उत्पादों की गुणवत्ता निर्धारण के लिए उच्च स्तरीय उपकरण, अन्य कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म, बिक्री के लिए निर्दिष्ट स्थान, कोल्ड स्टोरेज, अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली आदि की व्यवस्था होगी।
शुरुआत में 38 मंडियों का निर्माण
इन 38 प्रस्तावित मंडियों में 14 बड़ी, 17 मध्यम और 7 छोटी मंडियां शामिल हैं। अगले चरण में 62 और मंडियों का चयन किया जाएगा। इन 38 आदर्श मंडियों का निर्माण 2026-27 वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य है।
कुल 300 करोड़ रुपये की लागत में से 150 करोड़ रुपये नियंत्रित बाजार समितियों (RMC) की अपनी निधि से और शेष 150 करोड़ रुपये राज्य सरकार देगी। सहकारिता विभाग के चालू बजट में इसके लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
सड़क रोशनी उन्नयन के लिए 200 करोड़
कैबिनेट बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि राज्य के 110 शहरी क्षेत्रों में, जहां पहले से स्ट्रीटलाइट लगी हैं, वहां उन्नयन (रेट्रोफिटिंग) कर LED लाइट लगाई जाएंगी। इसके लिए ओडिशा अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (OUIDF) से 200 करोड़ रुपये खर्च करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली।
पहले 110 शहरी क्षेत्रों को 6 क्लस्टर में बांटा गया था और इसके लिए 6 संस्थाओं को नियुक्त किया गया है। इस परियोजना के लिए शहरी विकास विभाग ने 28 जून 2024 को कुल 350.04 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे, जिसमें अब OUIDF से 150 करोड़ रुपये निवेश हो चुके हैं और आगे शेष 200 करोड़ रुपये निवेश की अनुमति दी गई है।
इसके अलावा, बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में विश्वस्तरीय विमान रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (MRO) सुविधा स्थापित करने के लिए औद्योगिक नीति 2022 के अलावा अतिरिक्त प्रोत्साहन देने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी।
परिवहन विभाग की ओर से ‘एयर वर्क्स इंडिया (इंजीनियरिंग) प्राइवेट लिमिटेड’ को भुवनेश्वर हवाई अड्डे पर MRO सुविधा स्थापित और संचालित करने के लिए एंकर निवेशक के रूप में चुना गया है। विभिन्न एयरलाइंस अपनी कुल आय का 12 से 15 प्रतिशत रखरखाव और मरम्मत पर खर्च करती हैं, जिससे राज्य सरकार को भी बड़े लाभ की उम्मीद है।
ओडिशा नर्सिंग शिक्षा सेवा नियमों को मंजूरी
ओडिशा नर्सिंग शिक्षा सेवा (नियुक्ति प्रक्रिया और सेवा शर्तें) नियम 2025 को आज कैबिनेट की मंजूरी मिल गई। इससे ओडिशा नर्सिंग शिक्षा सेवा कैडर के अंतर्गत खाली पड़ी बेसिक ट्यूटर पदों को भरा जा सकेगा और योग्य शिक्षकों को उच्च पदों पर पदोन्नति दी जा सकेगी।
इससे राज्य में नर्सिंग शिक्षा को मजबूती मिलेगी। वर्तमान में राज्य में 8 सरकारी नर्सिंग कॉलेज और 21 एएनएम प्रशिक्षण केंद्र संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा, 7 मेडिकल कॉलेज और अस्पताल परिसरों में केंद्रीय योजना के तहत 7 नए नर्सिंग कॉलेज खोलने की प्रक्रिया भी जारी है।
संग्रहालय निदेशालय संचालन के लिए कैडर नियमावली
इसी तरह राज्य के संग्रहालयों के समुचित संचालन और समन्वय के लिए एक स्वतंत्र संग्रहालय निदेशालय स्थापित करने का निर्णय अक्टूबर 2023 की कैबिनेट बैठक में लिया गया था। उसी अनुसार इसके संचालन के लिए कैडर नियमावली लागू करने के आदेश मुख्यमंत्री ने दिए थे।
सामान्य प्रशासन, वित्त और विधि विभाग की मंजूरी और ओडिशा लोक सेवा आयोग की स्वीकृति मिलने के बाद इसे अंतिम रूप दिया गया। इससे राज्य के सभी संग्रहालयों का संचालन और समन्वय सुचारू रूप से हो सकेगा।
ओडिशा अमला सेवा (वाणिज्य कर और वस्तु एवं सेवा कर संगठन के सर्किल और इसके अधीनस्थ कार्यालय) नियम 2025 को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है।
वित्त विभाग के अधीन वाणिज्य कर और जीएसटी संगठन के प्रशासनिक ढांचे में शीर्ष पर आयुक्तालय, मध्यम स्तर पर 12 क्षेत्रीय सर्किल और निचले स्तर पर 50 मंडल हैं। इन 12 सर्किलों में राज्य के सभी 30 जिले शामिल हैं। प्रत्येक सर्किल में एक या अधिक जिले आते हैं।
15 मार्च 2024 को सामान्य प्रशासन विभाग के संकल्प में विभिन्न विभागों के अधीन जिला स्तरीय अमला कैडर में शामिल कर्मचारियों के वेतन असमानता को दूर करने के लिए नीति तय की गई थी।
उसी के तहत, वाणिज्य कर और जीएसटी आयुक्तालय के सर्किल और मंडल में नियुक्त कर्मचारियों की नियुक्ति पद्धति और सेवा शर्तें तय करने के लिए यह नियमावली तैयार की गई है।
इस कैडर में कनिष्ठ सहायक, वरिष्ठ सहायक, सहायक उपविभागीय अधिकारी, उपविभागीय अधिकारी और संस्थान अधिकारी शामिल होंगे। कनिष्ठ सहायक पदों में 80% पद सीधी भर्ती से और 20% पद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में से पदोन्नति के जरिए भरे जाएंगे।
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