छतुआ आपूर्ति में रिश्वत: लांजीगढ़ की पूर्व सीडीपीओ मीना पात्रा दोषी करार, 4 साल की कैद
ओडिशा के लांजीगढ़ की पूर्व सीडीपीओ मीना पात्रा को छतुआ आपूर्ति में रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाया गया है। उन्हें चार साल की कैद की सजा सुनाई गई है ...और पढ़ें
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लांजीगढ़ की पूर्व सीडीपीओ मीना पात्रा रिश्वत मामले में दोषी करार। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, अनुगुल। ओडिशा विजिलेंस को भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में एक और अहम सफलता मिली है। कलाहांडी जिले के लांजीगढ़ स्थित बिस्वनाथपुर आईसीडीएस प्रोजेक्ट की पूर्व सीडीपीओ मीना पात्रा को रिश्वतखोरी के मामले में अदालत ने दोषी करार दिया है।
विशेष सतर्कता न्यायाधीश, भवानिपटना ने दोष सिद्ध होने पर मीना पात्रा को चार वर्ष के साधारण कारावास की सजा सुनाई। साथ ही अदालत ने उन पर एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
विजिलेंस के अनुसार, आरोपी तत्कालीन सीडीपीओ ने आंगनबाड़ी केंद्रों में छतुआ आपूर्ति से जुड़े बिलों को मंजूरी देने के बदले एक स्वयं सहायता समूह से 80 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस ने जाल बिछाकर आरोपी को रंगे हाथों पकड़ लिया था।मामले में विजिलेंस ने कोरापुट विजिलेंस थाना में 3 अक्तूबर 2021 को मामला दर्ज कर आरोप पत्र दाखिल किया था।
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए दस्तावेजों और गवाहों के बयानों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराया।सजा सुनाए जाने के बाद पूर्व सीडीपीओ को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
विजिलेंस अधिकारियों ने बताया कि अब दोषी के खिलाफ पेंशन समेत अन्य सेवा लाभ रोकने के लिए संबंधित प्राधिकारियों को पत्र भेजा जाएगा। विजिलेंस विभाग ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार के मामलों में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
इसी प्रकार, सुबर्णपुर की तरवा तहसील के पूर्व अमीन (सेवानिवृत्त) साहू मेहर, जिनके खिलाफ ओडिशा सतर्कता विभाग ने धारा 13(2) के तहत 13(1)(डी)/7 पी.सी. अधिनियम, 1988 के तहत भूस्वामी के भूखंडों के सीमांकन के लिए रिश्वत मांगने और लेने के आरोप में मामला दर्ज किया था, को आज बालांगीर स्थित विशेष न्यायाधीश, सतर्कता विभाग ने दोषी ठहराया और उन्हें 4 साल के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई।

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