ओडिशा के खाद्य सुरक्षा कानून को कैबिनेट की मुहर
राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा कानून पर मुहर लगा दी है, इसके पहले चरण में 25 लाख लोगों को शामिल किया जाएगा।
भुवनेश्वर, जेएनएन। राज्य सरकार ने अपने खाद्य सुरक्षा कानून पर मुहर लगा दी है। इस कानून को आगामी विधानसभा के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा। पहले चरण में राज्य के खाद्य सुरक्षा कानून में 25 लाख लोगों को शामिल करने का निर्णय सरकार ने लिया है। इसके लिए पहले 6 महीने में 220 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसे 2018-19 वित्त वर्ष के अतिरिक्त बजट में शामिल किया जाएगा। आगामी दो अक्टूबर से इस खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ नए लाभार्थियों को मिलेगा।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में सोमवार को हुई कैबिनेट मीटिंग के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए मुख्य सचिव आदित्य प्रसाद पाढ़ी ने बताया कि राज्य का कोई भी गरीब या असहाय व्यक्ति खाद्य सुरक्षा कानून से वंचित न हो, इसीलिए सरकार यह नई योजना कार्यकारी करने जा रही है। इस योजना में खर्च होने वाली राशि को राज्य सरकार अपने कोष से वहन करेगी। मुख्य सचिव ने बताया कि केंद्र सरकार के खाद्य सुरक्षा कानून में 6 मानदंड के आधार पर लाभुकों का चयन किया जाता है जबकि राज्य सरकार ने लाभुक चयन के लिए 11 मानदंड रखे हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि वर्ष 2011 राष्ट्रीय जनगणना की तूलना में वर्तमान समय में राज्य की आबादी 10.122 प्रतिशत बढ़ गई है। 2018 तक राज्य की आबादी करीब 4 करोड़ 62 लाख 63 हजार 983 तक पहुंच गई है। राज्य को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत जितने लोगों को शामिल किया गया है, उससे कहीं अधिक लोगों को आज इस योजना में शामिल करने की जरूरत है। इस योजना में राज्य के और 34.44 लाख लोगों शामिल करने के लिए केंद्र सरकार के पास बार-बार पत्र लिखा गया है, मगर कोई लाभ नहीं हुआ। इससे राज्य सरकार ने अपना खाद्य सुरक्षा कानून बनाया है।
लाभुक चयन को ये होंगे मानदंड राज्य के सभी आदिम आदिवासी परिवार, आवास न होने वाले परिवार (जनप्रतिनिधि या ब्लॉक तथा शहरांचल के किसी भी वरिष्ठ अधिकारी के सिफारिश), विधवा महिला (जिसके पास स्थाई कमाई का कोई सूत्र न हो) एवं अकेली रहने वाली महिला, दैनिक मजदूरी करने वाले परिवार, विभिन्न प्रोजेक्ट के लिए विस्थापित परिवार, कुष्ठ, एड्स जैसी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को राज्य सरकार के खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल किया जाएगा।