Odisha: ड्रोन से निगरानी के चलते झीरपानी जंगल में हाथी के बीमार बच्चे की बची जान, इलाज के बाद वापस दल में लौटा
Baby Elephant Treated In Jhirpani Forest सुंदरगढ़ जिले के कोइड़ा फॉरेस्ट रेंज अंतर्गत झीरपानी जंगल में हाथी के बच्चे की हालत बिगड़ने की सूचना मिलते ही वन विभाग एवं पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने वहां पहुंचकर इलाज शुरु कर दिया है।

राउरकेला/भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता: सुंदरगढ़ जिले के कोइड़ा फॉरेस्ट रेंज अंतर्गत झीरपानी जंगल में हाथी के बच्चे की हालत बिगड़ने की सूचना मिलते ही वन विभाग एवं पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने वहां पहुंचकर इलाज शुरु कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, हाथी के मादा बच्चे की उम्र तीन से चार साल है। ड्रोन के जरिए हाथियों की निगरानी रखने के दौरान इसका पता चला। हथिनी को लू लगने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
ड्रोन से रखी जा रही हाथियों की गतिविधि पर नजर
वन विभाग की ओर से ड्रोन के जरिए हाथियों की गतिविधि पर नजर रखी जा रही थी। तब उनकी नजर बीमार हाथी के बच्चे पर पड़ी। वह अपनी मां के साथ जंगल में थी, जो हालत बिगड़ने के कारण वहीं गिर गई थी।
दूसरे हाथी कुछ देर तक वहां रहने के बाद उसे छोड़ कर आगे बढ़ गए। इसकी जानकारी मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारी पशु चिकित्सक के साथ मौके पर पहुंचे और आवश्यक उपचार किया गया।
दल के साथ वापस लौटी मादा हाथी
बाद में उसकी हालत में सुधार होने के बाद मादा हाथी उसके पास पहुंची और बच्ची उनके साथ आगे चली गई।इलाके में हाथियों के झुंड पर ड्रोन से निगरानी रखने के कारण बच्चे की जान बची।
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