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    Odisha News: जन्म देने वाली मां की तलाश कर रही बेटी, 15 साल पहले आस्ट्रेलियाई दंपत्ति ने लिया था गोद

    By Jagran NewsEdited By: Jagran News Network
    Updated: Fri, 06 Jan 2023 09:22 AM (IST)

    15 साल पहले ऑस्ट्रेलियाई दंपति द्वारा गोद ली गई लड़की अब ओडिशा में अपनी जन्म देने वाली मां की तलाश कर रही है। यह 2007 की बात है जब ममता जो केवल तीन सा ...और पढ़ें

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    ऑस्ट्रेलियाई दंपति द्वारा गोद ली गई लड़की अब ओडिशा में अपनी मां की तलाश कर रही है।

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर: 15 साल पहले ऑस्ट्रेलियाई दंपति द्वारा गोद ली गई लड़की अब ओडिशा में अपनी जन्म देने वाली मां की तलाश कर रही है। यह 2007 की बात है जब ममता, जो केवल तीन साल की बच्ची थी, को पुरी-सिंहद्वार के पास से बचाया गया था। बाद में उसे कटक के बसुंधरा चाइल्ड केयर सेंटर को सौंप दिया गया। ममता ने बसुंधरा चाइल्ड केयर सेंटर को अपनी मां के लिए पत्र लिखा है कि मेरी मां कुष्ठ रोग से पीड़ित हैं, उसने एक कठोर निर्णय लिया और मुझे जाने दिया।

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    अच्छे भविष्य के लिए मां ने किया त्याग

    ममता ने लिखा आगे लिखा कि वह एक महान मां हैं, क्योंकि उन्होंने मेरे लिए यह किया ताकि मैं एक अच्छा जीवन जी सकूं। एक बेटी की मां के लिए ये पंक्तियां किसी का भी दिल पिघलाने के लिए काफी हैं। ये अंश ममता द्वारा लिखे गए एक पत्र से मिला है, जिसे 15 साल पहले ओडिशा में एक ऑस्ट्रेलियाई जोड़े ने पुरी चाइल्डलाइन के निदेशक से गोद लिया था।

    ममता अब बड़ी हो गई हैं और अब स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं। वह अब अपनी जन्म देने वाली मां बसंती दास की तलाश कर रही है। यह 2007 की बात है जब ममता, जो केवल तीन साल की बच्ची थी, को पुरी सिंहद्वार के पास से बचाया गया था। बाद में उसे कटक के बसुंधरा चाइल्ड केयर सेंटर को सौंप दिया गया। पुरी चाइल्डलाइन के निदेशक देवाशीष रथ ने कहा है कि लड़की लापता हो गई और बाद में उसे चाइल्ड लाइन द्वारा बचा लिया गया।

    महज 3 साल की उम्र में मां से हुई थीं दूर

    ममता तब केवल तीन साल की थी। पहले कोई बाल कल्याण समिति नहीं बनाई गई थी ऐसे में बच्ची को उसकी जन्म देने वाली मां को खोजकर सौंप दिया गया। हालांकि, मां ने बच्ची को पालने में अनिच्छा और असमर्थता व्यक्त की। रथ के अनुसार, वे महिला के फैसले से शुरू में हैरान थे क्योंकि वह कुष्ठ रोग से पीड़ित थीं। इसके बाद लड़की करीब 18 महीने तक कटक में रही। रथ ने कहा कि चूंकि कोई भी भारतीय जोड़ा उसकी मां की स्थिति के कारण बच्ची को गोद लेने के लिए तैयार नहीं हुआ। इस बीच एक ऑस्ट्रेलियाई जोड़ा आगे आया और लड़की ममता को अपने साथ ले गया।

    कोविड प्रतिबंधों के वक्त भी मां को लिखा था पत्र

    कोविड प्रतिबंध के समय ममता ने अपनी मां से मिलने के लिए पत्र लिखा। लेकिन कोविड प्रतिबंधों के कारण, ममता अपने पालक माता-पिता के साथ अपनी जन्म देने वाली मां से मिलने पुरी नहीं आ सकीं। उम्मीद की जा रही है कि ममता जनवरी में अपनी मां से मिलने भारत आएंगी, जिसके लिए वह पूरी कोशिश कर रही हैं। हालांकि, वर्तमान समय में ममता की मां बसंती कहां रह रही हैं, यह किसी को पता नहीं है। इतना जरूर पता चला है कि वह खुर्दा जिले की रहने वाली हैं।