Updated: Sat, 22 Feb 2025 04:53 PM (IST)
ओडिशा के मुख्यमंत्री ने विपक्ष के उन आरोपों को खारिज कर दिया है जिनमें कहा गया था कि राज्य सरकार ओडिशा को कर्ज में डुबो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने निर्धारित सीमा से बहुत कम कर्ज लिया है और हम कम ब्याज दरों पर ऋण लाने और हर साल इसे चुकाकर ओडिशा के कर्ज के बोझ को कम करने की योजना बनाई है।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। वर्ष 2025-26 की बजट चर्चा के दौरान विपक्षी विधायकों ने राज्य भाजपा सरकार पर ओडिशा को कर्ज में डुबोने और आने वाले दिनों में ओडिशा की नीलामी करने का आरोप लगाया।
उन्होंने बजट का आकार बढ़ाने के बावजूद आवंटित धन को खर्च नहीं कर पाने के लिए सरकार की आलोचना की।
ऐसे में विपक्ष के एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी जिनके पास वित्त विभाग है ने कहा कि हमने निर्धारित सीमा से बहुत कम कर्ज लिया है।
हमने कम ब्याज दरों पर ऋण लाने और हर साल इसे चुकाकर ओडिशा के कर्ज के बोझ को कम करने की योजना बनाई है।
विपक्ष को ऋण को लेकर चिंता व्यक्त करने की कोई जरूरत नहीं है। हमने जो भी बजट बनाया है, उसे निर्धारित समय के भीतर खर्च कर देंगे।
सदन में बजट चर्चा पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी सदस्य आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने चार साल में 78,000 करोड़ रुपये कर्ज लिया था, जबकि हमने नौ महीने में 91,000 करोड़ रुपये कर्ज ले लिया।
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हालांकि, जब मैंने आंकड़े देखे तो मुझे पता चल गया कि 2023-24 के अंत में राज्य पर कर्ज का बोझ 96,310 करोड़ रुपये था। दिसंबर 2024 में, यह 96,804 करोड़ रुपये था।
इसका मतलब यह है कि सात महीनों में कर्ज का बोझ सिर्फ 494 करोड़ रुपये बढ़ा है। हमने इस अवधि के दौरान 12,898 करोड़ रुपये कर्ज लिए हैं और 12,404 करोड़ रुपये के ऋण चुकाए हैं।
पूर्व वित्त मंत्री निरंजन पुजारी ने तथ्यों को जानकर अपनी पार्टी का बचाव करने के लिए इस भ्रामक तथ्य को सामने रख रहे हैं।
वर्ष 2025-26 का कर्ज चुकाने के लिए 23,200 करोड़ रुपये की जरूरत- सीएम
- मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सीएजी की अनुमति के बाद ओमबाडसी और काम्पा कोष से कम ब्याज दर पर एक वर्ष के लिए कर्ज लिया है। जिसे हर साल चुकाना होता है। इसलिए वर्ष 2025-26 का कर्ज चुकाने के लिए 23,200 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।
- 2025-26 के लिए 47,400 करोड़ रुपये के कुल कर्ज को छोड़कर, शुद्ध ऋण सिर्फ 24,200 करोड़ रुपये है। इसे मिलाकर साल के अंत में कर्ज का बोझ 1,34,914 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। जो जीडीएसपी का केवल 12.68 प्रतिशत है।
- यह एफआरबीएम अधिनियम की निर्धारित 25 प्रतिशत की सीमा से काफी कम है। यह बजट जन हितैषी और प्रगतिशील है।
बजट को लेकर क्या बोले सीएम
बजट की राशि खर्च को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू रहने से पहले तीन महीने पैसे खर्च करने पर प्रतिबंध थे।
जुलाई में पूर्ण बजट लाने के बाद हमें इसे खर्च करने के लिए छह महीने मिले। इसके बावजूद जनवरी के अंत तक बजट अनुमान का 58 प्रतिशत राशि खर्च हुई है।
यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में केवल एक प्रतिशत कम है। 2036 तक हमने 500 मिलियन डालर की अर्थव्यवस्था हासिल करने का लक्ष्य रखा है, जिस पर विपक्ष संदेह जता रहा है।
वर्तमान में राज्य की विकास दर 7.2 प्रतिशत है। उन्हें पता होना चाहिए कि इसके लिए हमें बड़ी वृद्धि की जरूरत नहीं है।
यदि औसत मुद्रास्फीति चार से 4.5 प्रतिशत के बीच रहती है तो हमें इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लगभग नौ प्रतिशत की दर से विकास करना होगा। यह एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है। लेकिन डबल इंजन की सरकार के लिए यह संभव है।
इस विजन को साकार करने के लिए हमने बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर, शहरी विकास, कृषि एवं सिंचाई, निवेश, पोर्ट आधारित विकास, औद्योगिकीकरण, शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष बल दिया है।इससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और उच्च वृद्धि हासिल होगी।
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