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    इको-रिट्रीट में होंगी मंत्रिमंडल की बैठकें, CM बोले- एशिया के 'टॉप 5 इको-कल्चरल हब' में शामिल होने का लक्ष्य 

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 01:20 PM (IST)

    ओडिशा का इको-रिट्रीट पर्यटन क्षेत्र में एक सफल मॉडल बन गया है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पुरी-कोणार्क मरीन ड्राइव पर सातवें इको-रिट्रीट के उद्घाटन ...और पढ़ें

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    मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी। फाइल फोटो

    संवाद सहयोगी, पुरी। ओडिशा का इको-रिट्रीट आज पर्यटन क्षेत्र में एक सफल मॉडल के रूप में देशभर में पहचान बना चुका है और अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा बन रहा है।राज्य का लक्ष्य एशिया के शीर्ष पांच इको-कल्चरल टूरिज्म हब में स्थान प्राप्त करना है। यह बात मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पुरी–कोणार्क मरीन ड्राइव पर आयोजित सातवें इको-रिट्रीट के उद्घाटन अवसर पर कही।

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    मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे विभिन्न प्रयासों में इको-रिट्रीट सबसे आकर्षक पहल बनकर उभरा है। चालू वर्ष में यह इको-रिट्रीट पुरी–कोणार्क मरीन ड्राइव के मुख्य मार्ग के समीप रामचंडी मुहाना क्षेत्र में पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित किया गया है।

    उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले दिनों में ओडिशा के विभिन्न प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर आयोजित इको-रिट्रीट स्थलों पर राज्य सरकार की कैबिनेट और मंत्रिमंडल की बैठकें भी होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण आधारित यह पहल न केवल राज्य बल्कि पूरे देश में सराहना प्राप्त कर रही है।

    मुख्यमंत्री ने बताया कि सातकोसिया, भितरकनिका, दारिंगबाड़ी, सोनपुर और कोणार्क में स्थापित इको-रिट्रीट्स ने ओडिशा के पर्यावरण पर्यटन को नई ऊंचाई दी है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं, पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ी है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है।

    उन्होंने अन्य प्राकृतिक स्थलों पर भी इसी तरह की व्यवस्था किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।2036 तक समृद्ध ओडिशा और 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लक्ष्य को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

    पर्यटन क्षेत्र बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन करता है और राज्य की संस्कृति, परंपरा, विरासत, खान-पान और जीवनशैली को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाता है।विजन ओडिशा के तहत राज्य सरकार का लक्ष्य कम से कम 15 आइकॉनिक स्थलों का विकास करना और 25 लाख आजीविकाएं सृजित करना है।

    वर्ष 2047 तक प्रतिवर्ष 5 करोड़ घरेलू और 7 लाख विदेशी पर्यटकों के आगमन का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए इको, एडवेंचर, हेरिटेज और कल्चरल टूरिज्म जैसे विविध पर्यटन उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडिशा को पर्यटकों की पहली पसंद बनाने के लिए पारंपरिक सोच से आगे बढ़ना होगा। भविष्य में पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पर्यटन क्षेत्रीय सार्वजनिक–निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल को अपनाना समय की मांग है। इस दिशा में सरकार गंभीरता से विचार कर आवश्यक कदम उठाएगी।

    इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा ने इको-रिट्रीट को और अधिक व्यवस्थित व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए कई सुझाव दिए।

    कार्यक्रम में पिपिली विधायक आश्रित पटनायक, काकटपुर विधायक तुषारकांति बेहेरा, सत्यवादी विधायक ओमप्रकाश मिश्रा, ब्रह्मगिरी विधायक उपासना महापात्र, पुरी विधायक सुनील महांति, पर्यटन सचिव बलवंत सिंह तथा जिला कलेक्टर दिव्यज्योति परिडा सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।