खाद संकट को लेकर ओडिशा विधानसभा में तीसरे दिन भी हंगामा, 15 मिनट तक चली कार्यवाही
ओडिशा विधानसभा का मॉनसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया है। विपक्षी बीजेडी विधायकों के खाद संकट को लेकर नारेबाजी और प्रदर्शन के कारण शनिवार को भी सदन मात्र 15 मिनट ही चल सका। अब तक तीन दिन स्थगन में बर्बाद हो चुके हैं जिससे जनता के मुद्दों पर चर्चा पर प्रश्नचिह्न लग गया है।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू से ही गतिरोध का शिकार बना हुआ है। लगातार तीन दिनों से सदन में हंगामा और शोरगुल के कारण कार्यवाही ढंग से नहीं चल पा रही।
विपक्षी बीजेडी विधायकों के खाद संकट को लेकर नारेबाजी और पोस्टर प्रदर्शन के बीच शनिवार को भी सदन मात्र 15 मिनट के लिए चल सका। अध्यक्ष को अंतिम में कार्यवाही सोमवार तक स्थगित करनी पड़ी।
इस छोटे सत्र में कुल 7 कार्य दिवस तय हैं, जिनमें से 3 दिन तो केवल स्थगन की भेंट चढ़ गए। ऐसे में अब सिर्फ 4 दिन बचे हैं और जनता के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा कब होगी, इस पर प्रश्नचिह्न लग गया है।
शुक्रवार को 8 मिनट, शनिवार को 15 मिनट
शुक्रवार को विधानसभा में सुबह 4 मिनट और दोपहर बाद 4 मिनट कार्यवाही चल सकी थी। शनिवार को भी स्थिति अलग नहीं रही। 17वीं विधानसभा के चौथे सत्र के तीसरे दिन जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, बीजेडी विधायक खाद संकट को लेकर नारेबाजी करने लगे।
पोस्टर लहराते हुए वे सदन के बीचो बीच पहुंच गए। अध्यक्ष की अनुशासन बनाए रखने की अपील भी बेअसर रही और हंगामे के बीच कार्यवाही पहले दोपहर 4 बजे तक स्थगित हुई, फिर पूरे दिन के लिए टाल दी गई।
भाजपा का पलटवार
लगातार स्थगन पर भाजपा विधायक संतोष खटुआ ने कहा कि बीजेडी अप्रासंगिक मुद्दों को लेकर सदन नहीं चलने दे रही। उन्होंने सवाल उठाया कि जब खाद नहीं मिल रहा, तो इस साल 25 प्रतिशत अधिक किसान पंजीकरण कैसे कर पाए?
इस बार 100 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद होने जा रही है, क्या यह किसानों को मारने की नीति है? खटुआ ने कहा कि बीजेडी चर्चा से भाग रही है और सदन में नाटक कर रही है।
राज्यपाल से मिले बीजेडी नेता
इधर, खाद संकट के मुद्दे को लेकर बीजेडी के नेता शनिवार को राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे और अपनी शिकायतें रखीं।
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