ओडिशा के कृषि मंत्री प्रदीप महारथी ने दिया इस्तीफा
Pradeep Maharathy. ओडिशा के कृषि मंत्री प्रदीप महारथी ने इस्तीफा सौंप दे दिया है। उनके मुताबिक, पार्टी किसी असुविधा में पड़े, इसके लिए मैंने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया है।
भुवनेश्वर, जेएनएन। पिपिली सामूहिक दुष्कर्म मामले में कोर्ट के फैसला आने के बाद विवादित टिप्पणी देकर विरोधी दलों के निशाने पर रहने वाले ओडिशा के कृषि एवं पंचायतीराज मंत्री प्रदीप महारथी ने रविवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने ओडिशा दौरे के दौरान बारीपदा सभा में ओडिशा सरकार की आलोचना की थी। प्रधानमंत्री की आलोचना के 24 घंटे के अंदर महारथी को अपना इस्तीफा देना पड़ा है। राजनीतिक जानकार ऐसी चर्चा कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, पिपिली सामूहिक दुष्कर्म मामले के दो अभियुक्त भाई प्रशांत प्रधान एवं सुकांत प्रधान को भुवनेश्वर प्रथम अतिरिक्त दौराज ने गवाह के अभाव में दोषमुक्त घोषित कर दिया था। इसके बाद स्थानीय विधायक तथा मंत्री प्रदीप महारथी ने 25 दिसंबर को कहा था कि सत्य की जीत हुई है और पीड़िता को न्याय मिला है। इसके बाद से ही कांग्रेस एवं भाजपा लगातार महारथी के इस्तीफा की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बना रही थी।
भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा एवं कांग्रेस के कार्यकर्ता हर दिन मुख्यमंत्री के आवास घेरने का प्रयास कर रहे थे। मुख्यमंत्री के आवास पर अंडा एवं टमाटर भी फेंका गया था। चारों तरफ से बढ़ रहे दबाव ने महारथी को मंत्री पद छोड़ने पर मजबूर कर दिया। जानकारी के मुताबिक, शनिवार रात में मुख्यमंत्री ने महारथी को इस्तीफा देने के लिए कहा था। इसी घटना में 2012 में भी महारथी को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस तरह से सामूहिक दुष्कर्म मामले में प्रदीप महारथी को दूसरी बार मंत्री पद छोड़ना पड़ा है।
मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद विधायक प्रदीप महारथी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि मैं बीजद का सच्चा कार्यकर्ता हूं। 35 साल में छह बार विधायक बना हूं। मुख्यमंत्री एवं बीजद के प्रति मेरा सम्मान है। पार्टी किसी असुविधा में पड़े, इसके लिए मैंने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया है।
गौरतलब है कि नवीन पटनायक सरकार की चौथी पारी में इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री अतनु सव्यसाची नायक को अस्पताल अग्निकांड मामले में इस्तीफा देना पड़ा था।
मुख्यमंत्री भी क्षमा मांगे: धर्मेंद्र प्रधान
राज्य कृषि मंत्री प्रदीप महारथी के इस्तीफा देने के बाद केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद प्रदीप महारथी ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। महारथी के इस्तीफा दे देने मात्र से ही भाजपा की लड़ाई खत्म नहीं होगी। मुख्यमंत्री भी इस मामले में क्षमा मांगे। प्रधान ने कहा कि मामले की पुन: जांच हो और जांच सीबीआई कराई जाए। वहीं, भाजपा ने कहा है इस्तीफा के बाद भी पार्टी चुप नहीं बैठेगी।
राज्य विधानसभा में विरोधी दल के नेता नरसिंह मिश्र ने कहा है कि प्रदीप महारथी का बयान विवादित एवं निंदनीय था। जनता के कड़ा रुख अख्तियार करने के बाद मंत्री ने इस्तीफा दिया है। वहीं, वरिष्ठ नेता तथा पूर्व मंत्री डॉ. दामोदर राउत ने कहा है कि यह नैतिक दृष्टिकोण से दिया गया इस्तीफा नहीं है। मुख्यमंत्री को पहले ही मंत्री पद से बहिष्कार करना चाहिए, मगर मुख्यमंत्री महारथी को सुरक्षा देने का प्रयास कर रहे थे। कोई उपाय न देख अंत में यह कदम उठाया है।
वहीं, पिपिली सामूहिक दुष्कर्म मामले में प्रदीप महारथी के मंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद पीड़िता के परिवार ने कहा कि मंत्री के इस्तीफा देने से हमें न्याय नहीं नहीं मिलेगा। क्राइमब्रांच की जांच से हम संतुष्ट नहीं हैं, मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। दोषी पकड़ा जाए और उसे सजा मिले, हमारी यही मांग है। मंत्री के इस्तीफे से हमें कोई खुशी नहीं मिली है, पीड़िता को न्याय मिलने पर हमें खुशी होगी।