Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    नुआपड़ा उपचुनाव में चल रहा पैसे का खेल, टिटिलागढ़ स्टेशन और साप्ताहिक एक्सप्रेस से भारी नकदी बरामद

    Updated: Sun, 19 Oct 2025 07:25 AM (IST)

    ओडिशा के नुआपड़ा उपचुनाव के चलते टिटिलागढ़ स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल ने 70 लाख रुपये नकद जब्त किए। एक अन्य घटना में, साप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन से 20 लाख रुपये बरामद हुए। पुलिस दोनों मामलों की जांच कर रही है, यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह धन किसका था और कहाँ जा रहा था। चुनाव के दौरान इतनी बड़ी मात्रा में नकदी की जब्ती से प्रशासन चिंतित है।

    Hero Image

    टिटिलागढ़ स्टेशन और साप्ताहिक एक्सप्रेस से भारी नकदी बरामद


    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। नुआपड़ा उपचुनाव में सभी राजनीतिक दल अपनी ताकत आज़माने के लिए जोर-शोर से तैयारी कर रहे हैं। इसी गर्म राजनीतिक माहौल के बीच टिटिलागढ़ रेलवे स्टेशन से रेलवे पुलिस द्वारा लगभग 90 लाख रुपये जब्त किए जाने की घटना ने हड़कंप मचा दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जानकारी के मुताबिक, केसिंगा और टिटिलागढ़ स्टेशन के बीच चल रही धरतियाबा सुपरफास्ट एक्सप्रेस में अवैध तरीके से सामान की ढुलाई होने की सूचना आरपीएफ को मिली थी।

    टिटिलागढ़ आरपीएफ की एक विशेष टीम ने तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान उन्होंने दो व्यक्तियों को नीले रंग के बैग में कुछ संदिग्ध सामग्री ले जाते देखा। शक होने पर जब उनका पीछा किया गया तो दोनों ट्रेन से उतरकर भागने की कोशिश करने लगे। आरपीएफ ने उन्हें पकड़कर थाने लाया और बैग की जांच करने पर उसमें 70 लाख रुपये बरामद हुए।

    जब्त राशि के संबंध में वे कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। पकड़े गए दोनों व्यक्ति बिहार के उमेश प्रसाद और झारखंड के प्रभात साहू हैं। इस मामले की जांच के लिए संबलपुर आयकर विभाग को सूचना दी गई है। इसी तरह ‘भगत की कोठी’ साप्ताहिक एक्सप्रेस से भी 20 लाख रुपये जब्त किए गए हैं।

    तलाशी के दौरान रेलवे पुलिस ने दो अन्य व्यक्तियों को लाल रंग का बैग लिए संदिग्ध अवस्था में पाया। उन्हें थाने लाकर पूछताछ की गई। आवश्यक कागजात दिखाने पर उनकी राशि वापस लौटा दी गई। जांच के दौरान रेलवे पुलिस अधिकारी के.एस. प्रकाश, हनुमान सिंह, शैलेन्द्र कुमार और अशोक बेहेरा उपस्थित थे।

    टिटिलागढ़ ब्लॉक नुआपड़ा जिला सीमा के पास होने के कारण यह चर्चा है कि 70 लाख रुपये उपचुनाव में अवैध रूप से उपयोग के लिए ले जाए जा रहे थे। साथ ही, यह भी कहा जा रहा है कि बलांगीर जिले में चल रहे नशा कारोबार के लिए बिहार और झारखंड के व्यापारी यह रकम लेकर आ रहे थे।