नुआपाड़ा उपचुनावः माओवादी प्रभावित बूथों में हेलीकॉप्टर से पहुंचीं मतदान टीमें, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
नुआपाड़ा विधानसभा उपचुनाव में माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। मतदान दलों को हेलीकॉप्टर से दुर्गम इलाकों में पहुंचाया गया। सीआरपीएफ, बीएसएफ और एसओजी की टीमें लगातार गश्त कर रही हैं। प्रशासन का प्रयास है कि मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण और निष्पक्ष हो।

माओवादी प्रभावित बूथों में हेलीकॉप्टर से पहुंचीं मतदान टीमें। (जागरण)
जागरण संवाददाता, अनुगुल। नुआपाड़ा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में माओवादी प्रभावित इलाकों में मतदान प्रक्रिया को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के लिए प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। मतदान दलों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से दुर्गम और संवेदनशील इलाकों में भेजा गया है।
अधिकारियों के अनुसार, सुनाबेड़ा और सोसेंक पंचायतों के कुल 16 बूथ माओवादी गतिविधियों से प्रभावित हैं। इन इलाकों की भौगोलिक कठिनाइयों और सुरक्षा जोखिमों को देखते हुए पोलिंग टीमों को भारतीय वायुसेना के दो हेलीकॉप्टरों से एयरलिफ्ट किया गया।
सीआरपीएफ, बीएसएफ और एसओजी की तैनाती
माओवादी चुनौती को देखते हुए सुरक्षा बलों की व्यापक तैनाती की गई है। सीआरपीएफ, बीएसएफ और राज्य पुलिस की विशेष ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की टीमें लगातार गश्त कर रही हैं। मतदान केंद्रों के आसपास सघन तलाशी अभियान भी चलाया गया है।
सीआरपीएफ के चीफ कमांडेंट एरिक गिल्बर्ट जोस ने बताया कि पोलिंग पार्टियों को पूरी सुरक्षा दी गई है। किसी भी तरह की माओवादी बाधा नहीं आने दी जाएगी। इलाके में निरंतर निगरानी और संपर्क व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
101 बूथ संवेदनशील, 57 अत्यंत संवेदनशील घोषित
प्रशासन ने कुल 101 बूथों को संवेदनशील और 57 को अत्यंत संवेदनशील घोषित किया है। इन इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती के साथ ड्रोन से भी निगरानी रखी जा रही है।
नेटवर्क विहीन इलाकों में विशेष व्यवस्था
दुर्गम इलाकों में नेटवर्क समस्या को देखते हुए मतदान कर्मियों को विशेष जिओ के सिम कार्ड प्रदान किए गए हैं ताकि वे लगातार संपर्क में रह सकें और मतदान की हर गतिविधि की रियल-टाइम रिपोर्ट दे सकें।
प्रशासन की चुनौती – शांतिपूर्ण मतदान
नुआपाड़ा के जंगलों में माओवादी प्रभाव के बावजूद प्रशासन का प्रयास है कि मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण और निष्पक्ष हो। हेलीकॉप्टर से पोलिंग टीमों की तैनाती और सुरक्षा बलों की सतत निगरानी इस उपचुनाव को विशेष बनाती है।
लोकतंत्र की रक्षा का मिशन
प्रशासन के लिए यह सिर्फ एक उपचुनाव नहीं, बल्कि माओवाद से प्रभावित क्षेत्रों में विश्वास और सुरक्षा की परीक्षा है।

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