नुआपाड़ा उपचुनाव से पहले बड़ी कार्रवाई: 1.20 करोड़ की अवैध शराब और गांजा बरामद, 134 गिरफ्तार
नुआपाड़ा उपचुनाव से पहले पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 1.20 करोड़ रुपये की अवैध शराब और गांजा जब्त किया है। इस मामले में 134 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस इस अवैध कारोबार के नेटवर्क का पता लगाने के लिए जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।

पुलिस ने 1.20 करोड़ की अवैध शराब और गांजा किया बरामद। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, अनुगुल। ओडिशा के नुआपाड़ा विधानसभा उपचुनाव से पहले प्रशासन ने अवैध शराब और गांजा कारोबार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए भारी मात्रा में माल जब्त किया है।
आबकारी विभाग की विशेष टीमों ने जिलेभर में छापेमारी कर करीब 1 करोड़ 20 लाख रुपये की अवैध शराब और गांजा जब्त किया है। इस दौरान 134 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 242 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
जानकारी के अनुसार, चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद से नुआपाड़ा में लगातार सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में आबकारी विभाग ने अब तक 86 लीटर बीयर, 42 लीटर विदेशी शराब, 6,963 लीटर देशी शराब, 1,512 लीटर आउट स्टिल (माहुआ आधारित) शराब, 60 किलो गांजा और 1,71,300 किलो माहुआ फूल जब्त किए हैं। बरामद अवैध सामान का अनुमानित मूल्य लगभग ₹1,20,03,756 आंका गया है।
अधिकारियों ने बताया कि अवैध शराब और गांजा की तस्करी में इस्तेमाल की जा रही आठ मोटरसाइकिलें और एक चारपहिया वाहन भी जब्त किए गए हैं। प्रशासन का कहना है कि विधानसभा उपचुनाव के मद्देनजर जिले में सघन तलाशी अभियान जारी रहेगा ताकि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को रोका जा सके।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने जिला प्रशासन और आबकारी विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि चुनाव क्षेत्र में शराब और नशे की किसी भी अवैध आपूर्ति पर सख्त कार्रवाई की जाए।
आबकारी विभाग के अधीक्षक ने बताया कि नुआपाड़ा क्षेत्र में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। उनका कहना है कि “हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो। कोई भी व्यक्ति शराब या नशे का इस्तेमाल मतदाताओं को प्रभावित करने में न कर सके।”
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, नुआपाड़ा क्षेत्र में वर्षों से अवैध शराब और गांजा की तस्करी जमीनी स्तर पर सक्रिय रही है। लेकिन इस बार प्रशासन की कड़ी निगरानी से तस्करों में हड़कंप मच गया है। लगातार छापेमारियों से कई ठिकाने ध्वस्त किए गए हैं और अब तक दर्जनों गिरोहों के सदस्य सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ऐसी कार्रवाई चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएगी। यदि प्रशासन इसी तरह सख्ती बरतता रहा, तो इस उपचुनाव में नशे और पैसों के दुरुपयोग पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकेगा।
नुआपाड़ा उपचुनाव में कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। अवैध शराब और नशे के खिलाफ यह अभियान न केवल चुनावी शुचिता को सुरक्षित रखने की दिशा में कदम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि चुनाव आयोग और प्रशासन इस बार किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है।

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