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    Odisha के गहिरमाथा में 19 मछुआरे गिरफ्तार, प्रतिबंधित जोन में घुसपैठ का आरोप; 6 क्विंटल मछली और 3 ट्रॉलर जब्त

    By Jagran NewsEdited By: Aditi Choudhary
    Updated: Sun, 05 Feb 2023 10:09 AM (IST)

    ओडिशा के गहिरमाथा समुद्री अभयारण्य में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने के आरोप में वन अधिकारियों ने शनिवार को 19 मछुआरों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से तीन ट्रॉलर और छह क्विंटल मछली भी जब्त की गई है।

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    ओडिशा के गहिरमाथा में अवैध रूप से मछली पकड़ने के आरोप में 19 मछुआरे गिरफ्तार

    अनुगुल/भुवनेश्वर, संतोष कुमार पांडेय। ओडिशा के गहिरमाथा समुद्री अभयारण्य में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने के आरोप में वन अधिकारियों ने शनिवार को 19 मछुआरों को गिरफ्तार करते हुए तीन ट्रॉलरों को जब्त किया। जब्त ट्रॉलरों से लगभग छह क्विंटल मछली, 22 मछली पकड़ने के जाल और तीन जीपीएस उपकरण जब्त किए गए। गिरफ्तार मछुआरों को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है ।

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    गिरफ्तार मछुआरों को राजनगर की एक अदालत में पेश किया गया था, जहां उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई। समुद्री अभयारण्य के रेंज अधिकारी मानस दास ने कहा कि 1 नवंबर 2022 से अब तक गहिरमाथा में अवैध रूप से मछली पकड़ने के लिए कम से कम 275 मछुआरों को गिरफ्तार किया है और 38 ट्रॉलरों को जब्त किया गया है।

    इस बीच ओडिशा मत्स्यजीवी फोरम के अध्यक्ष नारायण हलदर ने कहा कि कई मछुआरे रात में अनजाने में अभयारण्य में प्रवेश करते हैं क्योंकि अभयारण्य का ठीक से सीमांकन नहीं किया गया है। हाल ही में ओडिशा के राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित एक कछुआ संरक्षण बैठक में फोरम ने 100 अच्छी गुणवत्ता के तैरने वाले प्लव से अभयारण्य का सीमांकन करने की आवश्यकता पर चर्चा हुई थी।

    हलदर ने कहा कि अभयारण्य में 14 प्लव समुद्र में 1,360 वर्ग किमी में फैले 'नो फिशिंग जोन' का सीमांकन करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। उन्होंने कहा कि फोरम बरूनी नदी के मुहाने पर भी मार्ग की मांग कर रहा है, क्योंकि मछुआरों के लिए खरीनाशी, जामू और तलछूआ के घाटों से समुद्र में प्रवेश करना संभव नहीं है।

    उन्होंने कहा कि ओडिशा मरीन फिशिंग रेगुलेशन एक्ट (ओएमएफआरए), 1982 के अनुसार अधिकारियों को नदी के मुहाने को मछुआरों द्वारा मार्ग के इस्तेमाल करने से नहीं रोकना चाहिए। खराब मौसम, चक्रवात और अन्य आपात स्थितियों के दौरान तट पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए कई मछली पकड़ने वाली नौकाएं बरूनी नदी के मुहाने से समुद्र में प्रवेश करती हैं, लेकिन वन अधिकारी उन्हें समुद्री अभयारण्य क्षेत्रों में घुसपैठ करने के आरोप में गिरफ्तार करते हैं।