Odisha News: NHRC ने शिविर लगाकर की 144 मामलों की सुनवाई, पीड़ितों को 28 लाख की आर्थिक मदद
भुवनेश्वर में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दो दिवसीय जन सुनवाई शिविर में 144 मामलों की सुनवाई हुई जिसमें पीड़ितों को लगभग 28 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की सिफारिश की गई। आयोग ने महिला और बाल अपराधों के मुद्दे पर राज्य के मुख्य सचिव पुलिस महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। शिविर में हिरासत में मौतें बाल तस्करी महिलाओं से छेड़छाड़ जैसे मामले शामिल थे।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का दो दिवसीय जन सुनवाई शिविर भुवनेश्वर में संपन्न हो गया है। कुल 144 मामलों की सुनवाई हुई है। इसमें पीड़ितों को करीब 28 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की सिफारिश की गई है।
एनएचआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति जस्टिस वी. रामसुब्रमण्यम, सदस्य जस्टिस डॉ. बिद्युत रंजन षड़ंगी और विजया भारती सायनी ने मामलों की सुनवाई की। इस अवसर पर महासचिव भरत लाल, रजिस्ट्रार (विधि) जोगिंदर सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सुनवाई पूरी होने के बाद आयोग ने राज्य में महिला और बाल अपराधों के मुद्दे पर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विशेष बैठक की। बाद में आयोग ने सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों, गैर सरकारी संगठनों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और रक्षा एजेंसियों के पदाधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया।
शिविरों में हिरासत में मौतें, सरकारी आश्रय गृहों में मृत्यु, अस्पताल में आग लगने से शिशुओं की मौत, डूबने से मौतें, आवारा कुत्तों के काटने, बाल तस्करी, बुनियादी मानव सुविधाओं से वंचित होने के मामले, नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म और अपराध, महिलाओं से छेड़छाड़, लापता व्यक्तियों के मामले, पुलिस अत्याचार, आत्महत्याएं, पुलिस द्वारा शिकायत दर्ज न कराना, बिजली का करंट लगने के मामले आदि शामिल हैं।
सुनवाई के दौरान आयोग ने निर्देश दिया था कि बुजुर्ग आदिवासी महिला को भत्ता, 15,000 रुपये की अंतरिम सहायता और अन्य सामाजिक कल्याण लाभ दिए जाएं। उन्होंने पुलिस को विभिन्न मामलों में जांच में तेजी लाने और अदालत में आरोप पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया।
पटाखा फैक्ट्री में काम करने के दौरान 12 साल के एक लड़के सहित मरने वाले पांच मजदूरों के परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा जारी किया गया था। आयोग ने दोनों पक्षों की मौजूदगी में 38 मामले भी बंद किए।
संबंधित अधिकारियों द्वारा भुगतान के प्रमाण और आदेश की अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद तीन मामलों को बंद कर दिया गया। आयोग ने पाया था कि पीड़ित मुआवजा योजना के तहत 25 मामलों में एक करोड़ रुपये की मुआवजा राशि लंबित थी।
राज्य विधिक सेवा के सदस्यों ने सचिव के साथ मामले पर चर्चा की और मुआवजे के भुगतान के बाद मामलों का समाधान भी किया गया।
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