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    Odisha : मॉडल सौम्य रंजन की रहस्यमयी मौत पर पुलिस ने नहीं लिया एक्शन, अब हाईकोर्ट ने क्राइम ब्रांच को सौपा केस

    By Jagran NewsEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Fri, 06 Jan 2023 07:41 PM (IST)

    Model Soumya Ranjan Death Case मॉडल सौम्य रंजन पाणिग्रही की रहस्ययी परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में ओडिशा उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को क्राइम ब ...और पढ़ें

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    Model Soumya Ranjan Death Case माडल सौम्य रंजन पाणिग्राही रहस्यमय मौत मामला

    कटक, जागरण संवाददाता: Model Soumya Ranjan की रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई मौत के मामले की जांच एक साल बाद भी आगे नहीं बढ़ पाई। इस बीच ओडिशा उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को क्राइम ब्रांच को मामले को अपने हाथ में लेने और तीन महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। यह आदेश सौम्या की बहन सौभाग्यलक्ष्मी की याचिका पर सुनवाई के बाद आया है।

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    पुलिस ने नहीं उठाया कोई कदम

    सौभाग्यलक्ष्मी ने आरोप लगाया था कि उच्च न्यायालय ने डीसीपी को जांच में तेजी लाने और परिवार के सदस्यों को एक निर्धारित समय के भीतर जांच के बारे में अपडेट करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया था, लेकिन ऐसी कोई प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली।

    पिछले साल 30 जनवरी फंदे से लटकता मिला था शव

    बता दें कि पिछले साल 30 जनवरी को राजधानी भुवनेश्वर की इन्फोसिटी पुलिस सीमा के भीतर कलराहंगा में एक मॉडल सौम्य ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। उसका शव घर पर फंदे से लटका पाया गया और घटनास्थल से कथित तौर पर उसके द्वारा लिखा गया एक नोट बरामद किया गया था।

    सुसाइड नोट में लड़की का नाम

    पत्र में एक लड़की का नाम लिया गया था, जिसके साथ सौम्य कथित तौर पर रिश्ते में थी, लेकिन यह जानने के बाद कि वह किसी दूसरे के साथ रिलेशन में है, इस बात से सौम्य मुश्किल दौर से गुजर रहा था। परिवार के सदस्यों ने अपने बेटे की मौत के लिए उस लड़की को जिम्मेदार ठहराया था। सौम्य की बहन ने दो दिन बाद इंफोसिटी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।

    कोर्ट ने क्राइम ब्रांच को दिए निर्देश

    उस समय भी उन्होंने आरोप लगाया था कि पुलिस सहयोग नहीं कर रही। 19 फरवरी को सौभाग्यलक्ष्मी ने भुवनेश्वर डीसीपी का दरवाजा भी खटखटाया, लेकिन वहां भी कोई जवाब नहीं मिला। पुलिस द्वारा सहयोग की कमी से परेशान, सौभाग्यलक्ष्मी 23 फरवरी को उच्च न्यायालय का रुख किया।

    अदालत ने डीसीपी को तीन सप्ताह के भीतर जांच में प्रगति के बारे में मृतक के परिजनों को अपडेट करने का निर्देश दिया था। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी परिवार को इस बात की कोई जानकारी नहीं मिली कि सौम्य की मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए पुलिस क्या कदम उठा रही है।

    परिवार के वकील ब्योमकेश त्रिपाठी ने बताया कि सौभाग्यलक्ष्मी ने एक बार फिर याचिका दायर की, जिसके आधार पर उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान क्राइम ब्रांच को मामले को अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया है।