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Odisha: नबरंगपुर में माओवादियों ने गोली मारकर की युवक की हत्या, कहा-पेड़ों के काटने पर दी सजा; दहशत में लोग

Odisha Crime माओवादियों के एक समूह ने युवक को उसके घर से उठा लिया और बाद में गोली मार कर हत्या कर दी। एक पोस्टर के माध्यम से माओवादियों ने बताया कि युवक कुछ वन विभाग के अधिकारियों के साथ पेड़ों को काटने में शामिल था इसलिए उसे गोली मारी।

By Jagran NewsEdited By: Roma RaginiPublished: Sat, 18 Mar 2023 02:28 PM (IST)Updated: Sat, 18 Mar 2023 03:27 PM (IST)
Odisha: नबरंगपुर में माओवादियों ने गोली मारकर की युवक की हत्या, कहा-पेड़ों के काटने पर दी सजा; दहशत में लोग
नबरंगपुर में माओवादियों ने गोली मारकर की युवक की हत्या

संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल। ओडिशा में माओवादी कुछ दिन की खामोशी के बाद फिर से दहशत फैलाने लगे हैं। नबरंगपुर जिले में माओवादियों ने एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी। माओवादी के अनुसार, उन्होंने युवक को पेड़ काटने की सजा दी है।

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मृतक की पहचान लक्ष्मीपुर गांव के नारायण नागेश के रूप में हुई है। उसे शुक्रवार की रात नक्सलियों ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। रिपोर्टों के अनुसार, माओवादी के एक समूह ने नागेश को उसके घर से उठा लिया और बाद में गोली मार कर उसकी हत्या कर दी।

एक पोस्टर में, प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के मैनपुर-नुआपाड़ा डिवीजन ने उल्लेख किया है कि नागेश कुछ वन विभाग के अधिकारियों के साथ पेड़ों को काटने और लोगों के पुनर्वास के लिए भूमि बनाने में शामिल था।

पोस्टर में लिखा है कि साल 2010 से, नागेश ऐसी गतिविधियों में शामिल था और उसे इस अपराध के लिए दंडित किया गया है। लाल विद्रोहियों ने मृतक के परिवार के कुछ अन्य सदस्यों को भी धमकी दी है। यह आरोप लगाया गया था कि माओवादियों ने नागेश को चेतावनी दी थी कि क्षेत्र में जंगलों को नष्ट करने वाली गतिविधियों में शामिल न हों।

गौरतलब है कि गत 23 फरवरी को जिले में पुलिस का मुखबिर होने के संदेह में नक्सलियों ने एक युवक की भी हत्या कर दी थी। माओवादियों द्वारा की गई हत्या से क्षेत्र के अन्य ग्रामीणों में फिर से दहशत है।

बता दें कि सीआरपीएफ और पुलिस लगातार माओवादियों की कमर तोड़ने में लगी है। उनके संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश देकर कार्रवाई की जा रही है। माओवादी कुछ दिन शांत रहते हैं, उसके बाद फिर से आतंक फैलाने लगते हैं। 

वहीं, लगातार माओवादियों के समर्पण को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। इसीका नतीजा रहा कि पिछले साल नवंबर में ओडिशा-आंध्र प्रदेश की सीमा से लगे एक गांव के 650 सक्रिय नक्‍सलियों और उनके समर्थकों (स्‍थानीय निवासी) ने पुलिस के सामने जाकर आत्‍मसमर्पण किया था। 


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