ओडिशा पुलिस की बड़ी कार्रवाई, अनुगुल में गांजा और ब्राउन शुगर तो बौध में 100 एकड़ में लगी फसल को नष्ट किया
Odisha अनुगुल जिले में गांजे की खेती और ब्राउन शुगर के व्यापार के खिलाफ पुलिस द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस ने भारी मात्रा में गांजा और ब्राउन शुगर को नष्ट कर दिया। इस पूरे मामले की उन्होंने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर जानकारी दी।

अनुगुल/भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा के अनुगुल जिले में गांजे की खेती और ब्राउन शुगर के व्यापार के खिलाफ पुलिस द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत रविवार को पुलिस ने भारी मात्रा में गांजा और ब्राउन शुगर को नष्ट कर दिया। इसके साथ ही अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर जानकारी भी दी कि उन्होंने नाल्को स्मेल्टर प्लांट में 2000 किलोग्राम से अधिक वर्जित गांजा और 60 ग्राम से अधिक ब्राउन शुगर को नष्ट कर दिया। पुलिस ने जिले की नशा निस्तारण समिति की मौजूदगी में अवैध सामानों को नष्ट किया।
मनमुंडा पुलिस ने भी किया गांजा नष्ट
इसी तरह बौध जिले की मनमुंडा पुलिस ने सगड़ा ग्राम पंचायत के पौका गांव में करीब 30 एकड़ जमीन में उग रहे अवैध गांजे के पौधों को नष्ट किया है । बौध मॉडल थाने की टीम ने बैलबेड़ा गांव में करीब 15 एकड़ जमीन में उगाए जा रहे अवैध भांग के पौधों को भी नष्ट किया। जिले के कांटामल थाने की पुलिस की एक टीम ने बड़ागांव ग्राम पंचायत के पढेल गांव वन क्षेत्र में लगभग 56 एकड़ जमीन में उगाए जा रहे अवैध भांग के पौधों को भी नष्ट किया ।
गांजे की खेती को नष्ट करने में ओडिशा रह चुका है नंबर 1
गौरतलब है कि ओडिशा में साल 2020-21 में 23,537 एकड़ में गांजे की खेती को नष्ट किया गया था। साल 2021 में एसटीएफ के आरक्षी उप महानिरीक्षक जयनारायण पंकज ने बताया कि देश में इतनी बड़ी मात्रा में गांजे की खेती नष्ट किसी भी राज्य में नहीं हुई थी। इसके अलावा ओडिशा में साल 2017-18 में 4632 एकड़, 2018-19 में 11,627 एकड़, 2019-20 में 18,294 एकड़ तथा 2020-21 में 23,537 एकड़ में फैली गांजे की पैदावर नष्ट की गयी थी।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में होती है खेती
बता दें कि ओडिशा में गांजे की खेती सबसे अधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और जिलों में होती है। साल 2021 में एसटीएफ के आरक्षी उप महानिरीक्षक जयनारायण पंकज ने बताया कि ओडिशा में मुख्य रूप से गांजे की खेती मालकानगिरि, कोरापुट, रायगड़ा, गजपति, कंधमाल, बौध जिलों में सबसे अधिक होती है। उन्होंने बताया कि यह सभी नक्सल प्रभावित होने के साथ-साथ वन-जंगल बहुल इलाके हैं। ये क्षेत्र दुर्गम होने के कारण पुलिस प्रशासन की सामान्य पहुंच से दूर होते हैं। इसलिए यहां गांजे खेती अधिक की जाती है।
एसटीएफ के आरक्षी उप महानिरीक्षक ने बताया कि गांजा अधिक होने के कारण के पीछे मौसम का भी बड़ा योगदान है। पंकज ने बताया कि ओडिशा और आंध्रप्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में जो मौसम होता है, वह गांजे की खेती के लिए अनुकूल होता है।
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