ओडिशा के एक स्कूल में दूषित भोजन खाने से 98 छात्राएं बीमार, जांच के लिए भेजा गया नमूना
ओडिशा के कोरापुट जिले में, दूषित भोजन खाने के बाद 98 छात्राएं बीमार हो गईं। उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रारंभिक लक्षणों से फूड पॉइजनिं ...और पढ़ें

दूषित भोजन का नमूना लेते स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी। (जागरण)
जागरण संवाददाता, अनुगुल। शनिवार को ओडिशा के कोरापुट जिले के बंधुगांव ब्लॉक के बाउंसपुट सरकारी अपर प्राथमिक विद्यालय में संदिग्ध रूप से प्रदूषित भोजन खाने के बाद कम से कम 98 छात्राएं अस्वस्थ हो गईं, जिन्हें उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामला स्वास्थ्य और स्कूल भोजन व्यवस्था की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा कर रहा है।
घटना के बारे में मिली जानकारी के अनुसार छात्राओं ने शनिवार सुबह स्कूल में परोसा गया भोजन किया और उसके बाद उल्टी, चक्कर व पेट दर्द जैसे लक्षण दिखने लगे।
इसकी सूचना मिलने पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजेंद्र कुमार सायकिया ने तुरंत स्वास्थ्य केंद्र को सूचित किया और उपचार के इंतजाम शुरू किए। इसी के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और सभी प्रभावित छात्राओं को बांधुगांव अस्पताल में भर्ती कराया गया।
स्वास्थ्य अधिकारियों का बयान
शहर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. अरविंद मिश्रा ने बताया कि प्रारंभिक लक्षणों से यह मामला फूड पॉइजनिंग (खाद्य विषाक्तता) का प्रतीत होता है, लेकिन सही कारण का पता लगाने के लिए भोजन के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं।
उन्होंने कहा कि सभी छात्राओं की स्थिति फिलहाल स्थिर है और उन्हें आवश्यक उपचार दिया जा रहा है। जांच पूरी होने के बाद विस्तृत रिपोर्ट जारी की जाएगी।
सभी पहलुओं की होगी समीक्षा
जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) अभिषेक पटनायक ने कहा कि स्कूल में भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता बनाए रखने के लिए कड़े दिशा-निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि घटना की जांच को लेकर एक विशेष जांच समिति का गठन किया गया है, जो स्कूल की किचन व्यवस्था, भोजन सामग्री और प्रबंधन के सभी पहलुओं की समीक्षा करेगी।
उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि किसी प्रकार की लापरवाही पाई जाती है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
घटना के बाद अभिभावकों और स्थानीय ग्रामीणों में चिंता और आक्रोश देखा गया है। कई अभिभावकों ने प्रशासन से स्पष्ट जवाब और जवाबदेही की मांग की है, ताकि भविष्य में इसी तरह की घटना दोबारा न हो।
स्वास्थ्य विभाग की टीम और शिक्षा प्रशासन दोनों ही मामलों की साझा जांच कर रहे हैं और जल्द ही प्रभावित परिवारों को राहत तथा आवश्यक समर्थन प्रदान करने की प्रक्रिया जारी है।

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