122 वर्ष बाद खुल रहा विश्व धरोहर Konark temple का गर्भगृह, एएसआई ने शुरू की रेत हटाने की ऐतिहासिक प्रक्रिया
यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल कोणार्क सूर्य मंदिर के संरक्षण इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने गर्भगृह में भ ...और पढ़ें

फाइल फोटो।
परंपरा और विज्ञान के मेल से अभियान की शुरुआत
तकनीकी जांच ने खोले गर्भगृह के अंदरूनी रहस्य
गर्भगृह की आंतरिक स्थिति जानने के लिए केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (CBRI), रुड़की ने लेजर स्कैनिंग, एंडोस्कोपिक जांच और रोबोटिक कैमरों का उपयोग किया।
सर्वेक्षण में सामने आया कि भीतर लगभग 17 फीट सघन रेत अब भी मौजूद है। वहीं, छत को सहारा देने वाले लोहे के बीम और विशाल पत्थर अस्थिर अवस्था में लटके पाए गए, जो संरचना की वर्तमान संवेदनशीलता को दर्शाते हैं।
संरक्षण यात्रा का दशकभर लंबा सफर
विश्व धरोहर की नई आशा
चल रही प्रक्रिया से कोणार्क सूर्य मंदिर के गर्भगृह की स्थिरता, क्षति की प्रकृति और भविष्य के संरक्षण उपायों पर निर्णायक जानकारी मिलने की उम्मीद है। यह कदम केवल वैज्ञानिक कार्यवाही ही नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक स्मृति और ऐतिहासिक गौरव को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक प्रयास भी है।

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