Move to Jagran APP

कोणार्क नृत्य उत्सव का रंगारंग आगाज

रविवार की शाम कोणार्क मुक्त रंगमंच पर रंगारंग कार्यक्रमों के बीच कोणार्क नृत्य उत्सव का आगाज हुआ।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 04:12 PM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2019 04:12 PM (IST)
कोणार्क नृत्य उत्सव का रंगारंग आगाज
कोणार्क नृत्य उत्सव का रंगारंग आगाज

संसू, भुवनेश्वर : रविवार की शाम कोणार्क मुक्त रंगमंच पर रंगारंग कार्यक्रमों के बीच कोणार्क नृत्य उत्सव का आगाज हुआ। राज्यपाल प्रोफेसर गणेशी लाल ने दीप प्रज्वलन कर इस उत्सव का शुभारंभ किया। उत्सव की पहली प्रस्तुति सृजन ग्रुप, भुवनेश्वर की रही। ग्रुप के कलाकारों ने आकर्षक ओडिशी नृत्य पेश कर मुक्ताकाश रंगमंच पर उपस्थित हजारों देसी-विदेशी दर्शकों का मन जीत लिया। सूर्य वंदना से अपने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए सृजन ग्रुप के कलाकारों ने पल्लवी के जरिये अपने नृत्य कौशल का प्रदर्शन किया। आकर्षक मुद्राओं सहित उनकी नृत्य शैली देखकर दर्शक दंग रह गये। शरीर का संतुलन बनाते हुए कलाकारों द्वारा मंच पर प्रस्तुत विभिन्न मुद्राओं पर दर्शक ताली बजाते रहे। पल्लवी के बाद भगवती स्त्रोत्रम के जरिए देवी शक्ति का प्रदर्शन किया गया। अंत में इन कलाकारों ने नृत्य के जरिए वंदे मातरम् पेश किया। सृजन के इस प्रस्तुति में गुरु रतिकात महापात्र, रमेशचंद्र दास तथा अग्निमित्र बेहरा सहित रूपक कुमार परिडा गायन में तथा बांसुरी पर श्रीनिवास सतपथी और सितार पर प्रकाश चंद्र महापात्र ने संगत की।

prime article banner

कोणार्क उत्सव की पहली शाम की दूसरी प्रस्तुति में पुणे से आए शमा खोटे एवं साथियों ने कथक नृत्य पेश किया। इस ग्रुप की पहली प्रस्तुति भी सूर्य वंदना के साथ हुई। कोणार्क सूर्य मंदिर परिसर में पहुंचा हर कलाकार जैसे सूयऱ् आराधना के साथ ही अपना नृत्य कौशल दिखाने की लालसा लेकर आया था। सूर्य वंदना के उपरात कथक कलाकारों ने शुद्ध रूपक के जरिए अपनी कला का प्रदर्शन किया। ताल रूपक में प्रस्तुत यह नृत्य दर्शकों को पसंद आया। इसके बाद कलाकारों ने नृत्य के जरिए कालिया मर्दन प्रसंग को मंच पर जीवंत किया। नृत्य के जरिए भगवान कृष्ण के यमुना किनारे गेंद खेलने और गेंद के नदी में गिर जाने तथा गेंद लाने गए श्रीकृष्ण के कालिया मर्दन के दृश्य को कलाकारों ने अपने कौशल से जीवंत बना दिया। ग्रुप की अंतिम प्रस्तुति थी भजन। इसके जरिए बाजे रे मुरलिया बाजे.., भजन को कलाकारों ने नृत्य में पिरो कर पेश किया। अमीरा पाटणकर, अवनी गदरे, शिवानी कर्मणकर, भार्गवी सरदेसाई, नीरजा थोराट, ईशा नानल और निकिता कराले ने अपने नृत्य कौशल का प्रदर्शन किया। इन नृत्यागनाओं का साथ गायन के जरिए विनय दास, हारमोनियम से अभिषेक शिणकर, तबला पर चारुदत्त फडके एवं बासुरी पर संदीप कुलकर्णी ने दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.