केआइएसएस छात्र मौत मामला: हत्या की धाराएं जुड़ीं, 8 शिक्षक-कर्मचारी गिरफ्तार
भुवनेश्वर के कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (केआइएसएस) में छात्र शिव मुंडा की मौत मामले में हत्या का खुलासा हुआ है। पुलिस ने बताया कि छात्र की गला ...और पढ़ें
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मामले की जानकारी देते पुलिस अधिकारी। (जागरण)
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। राजधानी के इन्फोसिटी थाना क्षेत्र स्थित कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (केआइएसएस) में 9वीं कक्षा के छात्र शिव मुंडा (14) की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस जांच के बाद बड़ा खुलासा हुआ है।
पुलिस आयुक्त एस देवदत्त सिंह ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि प्रारंभिक जांच के बाद मामले को अब हत्या और सबूत छिपाने जैसे गंभीर अपराध में तब्दील कर दिया गया है।
भुवनेश्वर–कटक के पुलिस आयुक्त एस. देव दत्त सिंह ने कहा कि छात्र की गला घोंटकर हत्या उसके ही सहपाठियों ने की थी और संस्थान प्रबंधन ने इस घटना को दबाने की हर संभव कोशिश की।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि जांच में स्पष्ट हो गया है कि मौत प्राकृतिक नहीं थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गर्दन पर दबाव के स्पष्ट निशान मिले हैं, जिससे गला घोंटकर हत्या की पुष्टि होती है। उन्होंने कहा कि ‘जोकर गैंग’ नामक छात्रों के एक समूह ने मामूली विवाद के बाद इस वारदात को अंजाम दिया।
छात्रों को दी गई धमकी, सच छिपाने का दबाव
आयुक्त ने खुलासा किया कि घटना को छिपाने के लिए नाबालिग छात्रों को धमकाया गया। केआइएसएस के अधिकारी, शिक्षक और कर्मचारी छात्रों पर चुप रहने का दबाव बना रहे थे। हालांकि, एसीपी ज़ोन-6 सोनाली के नेतृत्व में गठित टीम ने अन्य छात्रों से संपर्क किया, जिन्होंने हत्या की जानकारी दी।
गवाही देने वाले छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। पत्रकार सम्मेलन में भुवनेश्वर डीसीपी जगमोहन मीणा, एसीपी ज़ोन-6 सोनाली परमार भी उपस्थित रहे।
गलत जानकारी देकर परिजन को सौंपा गया शव
पुलिस के अनुसार, चिकित्सकीय निष्कर्षों के विपरीत केआइएसएस प्रबंधन ने परिजनों को बताया कि छात्र की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है और बिना स्थानीय पुलिस को सूचना दिए शव सौंप दिया गया। इसे गंभीर लापरवाही और तथ्यों को दबाने की कोशिश माना जा रहा है।
इन्फोसिटी थाना में केस नंबर 656 (दिनांक 13.12.2025) के तहत दर्ज मामले में पहले धारा 106(1) BNS लगाई गई थी, जिसे जांच के बाद बदलकर धारा 103(1)/232/238/351(3)/296/249(a)/3(5) BNS के साथ किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 75 जोड़ा गया है।
क्या है पूरा मामला
13 दिसंबर 2025 को दोपहर 2:31 बजे टाउन थाना, केंदुझर से सीसीटीएनएस पोर्टल के माध्यम से एक जीरो एफआईआर इन्फोसिटी थाना को मिली।
शिकायत मृतक के पिता रघुनाथ मुंडा ने दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि 12 दिसंबर को के आइएसएस अधिकारियों का फोन आया कि उनके बेटे को इलाज के लिए केआइएमएस मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। पिता ने शव के गर्दन पर चोट के निशान देखे, जिसके बाद केआइएसएस प्रबंधन पर गंभीर संदेह जताया गया।
पोस्टमॉर्टम और छात्रों के बयान से खुलासा
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि गर्दन पर बाहरी चोटें थीं और किसी खुरदरी व सख्त वस्तु से गला दबाया गया था।
मृतक के सहपाठियों और हॉस्टल साथियों ने बताया कि इस घटना में तीन नाबालिग छात्र शामिल थे।
पूछताछ में नाबालिग ने स्वीकार किया कि 11 दिसंबर की रात टॉयलेट ब्लॉक में बाल्टी देने से मना करने पर उन्होंने शिबा मुंडा के साथ मारपीट की, गला दबाया और उसकी हत्या कर दी।
सबूत छिपाने का आरोप, शिक्षक-कर्मचारी गिरफ्तार
जांच में यह भी सामने आया कि घटना के बाद कुछ शिक्षकों और स्टाफ ने अपराध को छिपाने की कोशिश की। आरोप है कि नाबालिग गवाहों को धमकाया गया, उन्हें चुप रहने को कहा गया और सबूत मिटाने में मदद की गई।
इसी आधार पर पुलिस ने निम्न 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है—
इसमें केआइएसएस के अतिरिक्त सीईओ प्रमोद कुमार पात्र, टीजीटी शिक्षक विनय कुमार गोच्छी, वरिष्ठ शैक्षणिक समन्वयक प्रसन्न कुमार मल्ल, शिक्षक प्रदीप कुमार दास, हेडमास्टर रश्मिरंजन नायक, सहायक फील्ड अधिकारी, छात्रावास हेमंत कुमार महापात्र, बॉयज हॉस्टल पर्यवेक्षक शुभकांत बेहरा, सहायक अध्यापिका सुजाता मिश्रा शामिल हैं।
नाबालिग आरोपी बाल न्याय बोर्ड के समक्ष
हत्या में शामिल तीनों नाबालिग आरोपियों को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष पेश किया गया है। उन पर भी धारा 103(1)/3(5) बीएनएस के तहत कार्रवाई की गई है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह केवल छात्रों के बीच का झगड़ा नहीं, बल्कि सुनियोजित हत्या और उसके बाद सबूत छिपाने का गंभीर मामला है। सभी पहलुओं की गहन जांच जारी है। फिलहाल सभी गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और मामले में आगे और खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।

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