जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की होगी डिजिटल गिनती, 104 करोड़ का अंतरिम बजट पास
ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की अब डिजिटल गिनती होगी। मंदिर प्रशासन ने इसके लिए 104 करोड़ रुपये का अंतरिम बजट पास किया है। इस डिजिटल मूल्यांकन से रत्नों की सही कीमत और मात्रा का पता चलेगा, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

पुरी जगन्नाथ प्रबंधन समिति
संवाद सहयोगी, पुरी। गजपति महाराजा दिव्य सिंहदेव की अध्यक्षता में आयोजित पुरी जगन्नाथ प्रबंधन समिति की शुक्रवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए।
इसमें मुख्य रूप से आने वाले दिनों में महाप्रभु के पहिली भोग नीति, मकर संक्रांति नीति तथा अंग्रेजी नववर्ष होने के कारण मंदिर में भारी संख्या में भक्तों की भीड़ को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया कि जिन दिनों नीति कम होगी, उस दिन रत्न भंडार में रखे गए रत्न–आभूषणों की गिनती की जाएगी। इसके लिए एक नया एसओपी भी तैयार किया जाएगा।
रिजर्व बैंक के अधिकारी रहेंगे मौजूद
बैठक से मिली जानकारी के मुताबिक नए एसओपी के आधार पर प्रत्येक रत्न–आभूषण की डिजिटल इन्वेंट्री तैयार की जाएगी। रिजर्व बैंक के अधिकारियों की उपस्थिति में सभी रत्न–आभूषणों की गणना की जाएगी।
हालांकि, एक ही बार में पूरी गणना न करके इसे अलग-अलग चरणों में पूरा किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार से महाप्रभु की नीतियों पर प्रभाव न पड़े और भक्तों के दर्शन में बाधा न आए।
कतार दर्शन व्यवस्था होगी लागू
इसी प्रकार कतार दर्शन व्यवस्था लागू करने से पहले और विस्तृत अध्ययन किया जाएगा। नाटमंडप में बैरिकेड लगाकर कतार दर्शन की व्यवस्था की जाएगी, पर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इससे महाप्रभु की नीतियों या भक्तों के दर्शन पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
बैरिकेड डिजाइन में बदलाव की आवश्यकता होने के कारण आइआइटी से परामर्श लेकर यह व्यवस्था की जाएगी।एमआर मठ से बरामद चांदी की ईंटों का मामला अदालत में विचाराधीन है। इन्हें नियमों के अनुसार श्रीमंदिर रत्न भंडार के अधीन कैसे लाया जाए, इस पर राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल की सलाह लेकर कदम उठाए जाएंगे।
बैठक में वर्ष 2025-26 के लिए 104 करोड़ रुपये का अंतरिम बजट प्रस्तुत कर मंजूर किया गया।2022-23 और 2023-24 वित्तीय वर्षों के ऑडिट की तैयारी भी पूरी कर ली गई है। जल्द ही जगन्नाथ बल्लभ मल्टी-लेवल कार पार्किंग का संचालन श्रीमंदिर प्रशासन के अधीन आ जाएगा।
बल्लभ प्रमोद उद्यान का आधुनिकीकरण
जगन्नाथ बल्लभ प्रमोद उद्यान का भी आधुनिकीकरण किया जाएगा।पुरी स्थित सभी बैंकों के एटीएम में श्रीमंदिर हुंडी में दान देने की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु सभी बैंकों से अनुरोध किया जाएगा।जल्द ही गुंडिचा मंदिर भक्तों के लिए खोला जाएगा और इसका संचालन मंदिर प्रशासन स्वयं करेगा। इसे नीलाम नहीं किया जाएगा।
महाप्रभु की जमीन की सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट के निर्देशानुसार सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।महाप्रभु के सोने के आभूषणों का एक और सेट बनाने का निर्णय लिया गया है।
श्रीमंदिर कानून को और सख्त बनाने के लिए राज्य सरकार से इसे शीघ्र मंज़ूर करने का अनुरोध किया जाएगा। इससे स्पाई कैमरा, मोबाइल और ड्रोन ले जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी।
इसके अलावा विदेश में इस्कॉन द्वारा आयोजित मनमर्जी तरीके से आयोजित रथयात्रा बंद कराने के लिए सरकार से बातचीत कर उचित कदम उठाने का निर्णय लिया गया है। बैठक में यही भी जानकारी दी गई कि वरिष्ठ सेवायतों की पेंशन राशि 4000 से बढ़ाकर 5000 रुपये कर दी गई है।
सेवकों की कन्या के विवाह हेतु 1 लाख
सेवकों की कन्या के विवाह हेतु सहायता राशि 50,000 से बढ़ाकर 1 लाख रुपये की गई है।सेवायत बच्चों के ब्रतघर (जनेऊ संस्कार) के लिए सहायता राशि 30,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई है।सेवक कल्याण हेतु एक अस्पताल निर्माण पर भी चर्चा की गई।
इसी तरह से पुरी वासियों के लिए श्रीमंदिर में विशेष दर्शन व्यवस्था हेतु एक गाइडलाइन तैयार करने का अधिकार पुरी जिला कलेक्टर को दिया गया है। उनकी रिपोर्ट आने के बाद यह देखा जाएगा कि इसे लागू करने से सामान्य भक्तों को कोई परेशानी न हो तथा इसका दुरुपयोग भी न हो।
इसके बाद ही पुरी निवासियों के लिए विशेष दर्शन व्यवस्था लागू की जाएगी। यह जानकारी श्रीमंदिर के मुख्य प्रशासक ने दी।

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