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    रथ में सुखोई विमान के पहियों पर मचा बवाल, पुरी मंदिर के सेवक बोले- इस्कॉन का पूरे देश से होना चाहिए बहिष्कार

    भुवनेश्वर में रथयात्रा विवादों में घिरे इस्कॉन पर कोलकाता रथयात्रा में सुखोई विमान के पहिये इस्तेमाल करने का आरोप है। पुरी मंदिर के सेवक ने इसे परंपरा का उल्लंघन बताया और इस्कॉन को बाहर करने की मांग की। जिला कलेक्टर ने भी परंपरा का सम्मान करने को कहा। मंदिर प्रशासन ने पहले ही इस्कॉन को परंपरा के अनुसार त्योहार मनाने की जानकारी दी है।

    By Sheshnath Rai Edited By: Piyush Pandey Updated: Mon, 02 Jun 2025 06:32 PM (IST)
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    खबर की प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। अनिर्धारित रथयात्रा के आयोजन को लेकर विवादों में घिरी इस्कॉन अब एक और विवाद में घिर गई है। नया विवाद कोलकाता में इस्कॉन द्वारा आयोजित की जाने वाली रथयात्रा को लेकर है

    दरअसल, आने वाले दिनों में यहां होने वाली रथयात्रा में रथ में लकड़ी के पहियों की जगह सुखोई लड़ाकू विमान के पहियों का इस्तेमाल किया गया है। वीडियो सामने आने के बाद विवाद फिर से सामने आ गया है। रथ की ऐसी विकृत स्थिति देखकर सेवादारों और भक्तों में आक्रोश है।

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    पुरी जगन्नाथ मंदिर के वरिष्ठ सेवक और भगवान जगन्नाथ के मुख्य बाड़ग्राही जगन्नाथ स्वांई महापात्र ने कहा कि रथ पूरी तरह से लकड़ी का होना चाहिए। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस्कॉन इस परंपरा का पालन नहीं करता है और रथ के पहिये में एक लड़ाकू विमान के पहिये का उपयोग कर रहा है।

    जगन्नाथ के प्रमुख बाड़ग्रही ने मांग की कि इस्कॉन को पूरे देश से उसी तरह बाहर किया जाए जिस तरह वह भगवान की परंपरा के साथ खेल रहा है।

    इसी तरह, पुरी के जिला कलेक्टर ने कहा कि विदेश में अनिर्धारित रथ यात्राएं निकालने के लिए इस्कॉन की आलोचना हो रही है। इस्कॉन को गजपति महाराजा और मंदिर के मुख्य प्रशासक द्वारा सूचित किया गया है कि वे जगन्नाथ संस्कृति की परंपरा के खिलाफ ऐसे कार्य न करें।

    इसलिए मंदिर प्रशासन और जगन्नाथ प्रेमियों ने पहले ही इस्कॉन को भगवान के सभी त्योहार जगन्नाथ संस्कृति और परंपरा के भीतर मनाने की जानकारी दे दी है।

    हालांकि, इसके बावजूद, रथ के निर्माण को विकृत करना और लकड़ी के रथ के पहिये के बजाय रथ में टायर के साथ पहिया लगाना बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। इस्कॉन को पहले ही भगवान की परंपरा का पालन करने के लिए कहा गया है।

    इसलिए पुरी के जिलाधिकारी ने अपनी प्रतिक्रिया में इस्कॉन से महाप्रभु की परंपरा का सम्मान करने को कहा है।